मुस्लिम परिवार ने लगाई योगी जी से गुहार- प्लीज छुड़ावा दें हमारी जमीन, बनवा लें मंदिर

मुस्लिम परिवार ने लगाई योगी जी से गुहार- प्लीज छुड़ावा दें हमारी जमीन, बनवा लें मंदिर संभल में सनातन के कई सबूत मिल रहे हैं. एक के बाद एक यहां कई ऐसी चीजें मिलती जा रही हैं जो सनातन धर्म की तरफ इशारा कर रही हैं. अब यहां एक मुस्लिम कपल ने योगी जी से अपनी जमीन को दबंगों से आजाद करवाने की अपील की है.इस परिवार ने योगी जी से रिक्वेस्ट की है कि वो उनकी जमीन को दबंगों से छुड़ा दें और उसपर मंदिर बनवा लें. मुस्लिम परिवार जमीन को मंदिर बनाने के लिए दान करना चाहता है.

ये मुस्लिम परिवार दबंगों से अपना प्लॉट छुड़वाने के लिए 16 साल से पुलिस और प्रशासन के सामने गिड़गिड़ा रहा है. पति-पत्नी का नाम जरीफ और खुर्शीदा बेगम है, जिनका परिवार कई साल पहले जगत मोहल्ला के नगर पालिका चौक के पास रहता था. लेकिन अब वो किराए पर रहने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने दावा किया कि उनका एक 130 गज का प्लॉट था जिस पर एक घर भी बना था लेकिन कई साल पहले दबंगों ने उनकी जमीन हड़प ली. अब वहां दबंगों ने चालाकी से कब्जा कर लिया है और उन्हें अपने ही घर से बेघर होना पड़ा है.

रिश्तेदारों ने रचा षड्यंत्र
पति-पत्नी का कहना है कि उनके अपने ही रिश्तेदारी की 2 चाची ने उनसे धोखा किया. उनपर आरोप लगाते हुए कपल ने कहा कि उन्होंने धोखाधड़ी से इस घर के फर्जी दस्तावेज बनाएं और घर को बेच डाला. लेकिन असली दस्तावेज अभी भी उनके पास है और इन दस्तावेजों को लेकर वह तकरीबन 2016 से प्रशासन के दफ्तरों में इंसाफ की लड़ाई लड़ते-लड़ते थक चुके हैं. कपल के मुताबिक, अब वह अपने इस प्लॉट को मंदिर बनाने के लिए दान में देना चाहते हैं और साथ ही मंदिर की सुरक्षा के लिए एक पुलिस चौकी भी चाहते हैं.

सरकार से मांगी मदद
कपल ने प्रशासन से मदद मांगते हुए कहा कि उनके इस प्लॉट पर कब्जा छुड़वाकर मंदिर और पुलिस चौकी बनवा दे ताकि आसपास के लोगों को सुरक्षा का माहौल भी मिल सके. जिस जगह पर उनकी जमीन है उसके बगल में एक स्कूल भी है. दोनों पति-पत्नी ने अपने इस प्लॉट से संबंधित सभी दस्तावेजों को दिखाया और दावा किया कि अगर उनके ये दस्तावेज गलत हो जाए तो उन्हें जो भी सजा मिले वह उन्हें मंजूर है. लेकिन एक बार प्रशासन उनकी इस फरियाद को सुन ले और उस प्लॉट पर जाकर जांच पड़ताल करने की कोशिश करे. कपल ने बताया कि उस जगह पर अब दबंग मांस बेचने का कारोबार कर रहे हैं.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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