भगवान के साथ नहीं करनी चाहिए पितरों की पूजा: पं. हिमांशु पाराशर

भगवान के साथ नहीं करनी चाहिए पितरों की पूजा: पं. हिमांशु पाराशर
घर के पूर्वजों की पूजा भगवान के साथ नहीं करना चाहिए। क्योंकि हमारे हिन्दू धर्म में मृत पूर्वजों को पितृ माना जाता है।पितृ को पूज्यनीय अवश्य माना जाता है इसमें कोई संशय नहीं है, परन्तु ईश्वर के साथ पितरों की पूजा का विधान नहीं है।
पितरों के लिये पन्द्रह दिनों का पक्ष स्पेशल रखा ही गया है।इन्हीं पितृपक्ष में पितरों की पूजा अथवा सेवा का विधान बनाया गया है।आचार्य हिमांशु पाराशर ने बताया की इसी पक्ष में पितरों के लिये कब्य दिया जाता है।साथ ही पितरों की आराधना में वेद मंत्रोच्चार भी वर्जित बताया गया है।साथ ही अपने पिता की मृत्यु की तिथि पर उनकी आत्मा की शांति के लिए विभिन्न तरह का दान किया जाता हैं । लेकिन ऐसा माना जाता है, कि आपके घर के मंदिर में भगवान की ही मूर्तियां और तस्वीरें हों, उनके साथ किसी मृतात्मा का चित्र भी नहीं लगाया जाना चाहिये।साथ ही भगवान के साथ अपने पितरों की पूजा भी नहीं करना चाहिए।इसके पीछे कारण है, सकारात्मक-नकारात्मक ऊर्जा और अध्यात्म में हमारी एकाग्रता का।मृतात्माओं से हम भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं ।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks