“सरदार था असरदार था”

परसों मैं गूगल पर स्व डॉ मनमोहन सिंह जी के बारे में वैसे ही कुछ बातें सर्च कर रहा था. उसमें एक किस्सा कुछ ऐसे था कि किसी पत्रकार ने उनसे पूछा कि भाजपा के नेता आपको एक कमजोर प्रधानमंत्री बताते जो मौन रहते हैं. इस पर मनमोहन सिंह जी ने कहा ये गलत है और बताया कि वो हर गंभीर मुद्दे पर बोलते हैं, कॉन्फ्रेंस करते हैं. उन्होंने ये भी बताया कि जब भी वो विदेश यात्रा से लौट कर आए उन्होंने हमेशा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विदेश यात्रा में हुई चर्चाओं को पत्रकारों को बताते थे…!

दोस्तों, आपकी जानकारी के लिए बता दूं अपने दस वर्ष के शासनकाल में डॉ मनमोहन सिंह जी ने कुल शायद 42 विदेश यात्राएं की और 117 बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की थीं. उनमें ये खुली प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की हिम्मत इसलिए थी कि वो किसी अपने पूंजीपति मित्र को फायदा पहुंचाने के लिए विदेश यात्राएं नहीं करते थे, जैसे कि आज के प्रधानमंत्री मोदी जी करते हैं, जैसे कि अचानक बिन बुलाए मेहमान की तरह पाकिस्तान चले जाना. मनमोहन सिंह जी एक उस खुली किताब की तरह थे जिसका हर पन्ना साफ सुथरा था…!

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks