कौन हैं मोहसिन खान

ACP मोहसिन कानपुर IIT से नहीं कर सकेंगे PhD:

यौन उत्पीड़न के आरोपों पर NOC कैंसिल,

*SIT का अल्टीमेटम- बयान दर्ज कराएं

कानपुर IIT की छात्रा के यौन शोषण के आरोपी ACP मोहसिन अब IIT से PhD नहीं कर सकेंगे।

यूपी पुलिस की ओर से उन्हें दी गई NOC कैंसिल कर दी गई है।

IIT प्रशासन ने इसकी पुष्टि की।

इधर, SIT ने ACP को अल्टीमेटम दिया है।कहा है कि 48 घंटे के अंदर ACP अपना बयान दर्ज कराएं।

आज SIT ACP के खिलाफ दर्ज दूसरी FIR पर छात्रा बयान दर्ज कर सकती है।

दूसरी FIR 27 साल की छात्रा ने ही कराया है।

मोहसिन पर 13 दिन में छात्रा ने 2 FIR कराई

IIT की रिसर्च स्कॉलर ने कानपुर में ACP कलक्टरगंज के पद पर तैनात रहे मोहसिन खान पर 12 दिसंबर को कल्याणपुर थाने में शादी का झांसा देकर यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

इसके बाद 19 दिसंबर को हाईकोर्ट से ACP को अरेस्टिंग स्टे और अगली सुनवाई तक चार्जशीट दाखिल करने पर रोक लगा दी।

24 दिसंबर को कल्याणपुर थाने में ही छात्रा ने मोहसिन और उनके वकील गौरव दीक्षित के खिलाफ एक और FIR दर्ज कराई।

छात्रा ने कहा- मेरी जिंदगी खतरे में है।मोहसिन अपने पावर से डरा रहा है।

ACP और उनके वकील मेरे खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।मेरी अपील है कि दोनों के खिलाफ कार्रवाई हो।

छात्रा का 3 किलो वजन घटा, अवसाद से जूझ रही

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, छात्रा की शारीरिक और मानसिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है।

रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद 15 दिन में छात्रा का 3 किलो वजन घट गया है।उसका खाने-पीने में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा है।

छात्रा रेगुलर क्लास अटेंड नहीं कर पा रही है।केस होने के बाद अपने प्रोजेक्ट वर्क पर भी से कोई काम नहीं कर सकी है।

छात्रा की मानें तो बस उसे दिन रात मोहसिन और केस का ही डर सता रहा है।

जब से उसे पता चला है कि मोहसिन कानपुर में है,तब से अपनी सिक्योरिटी को लेकर डरी है।

वह गहरे अवसाद में चली गई है, जिससे उबर नहीं पा रही।इस वजह से उसे निगरानी में रखा गया है।

फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार, जांच जारी रखेगी SIT

यौन उत्पीड़न मामले में भले ही अभी तक फोरेंसिक साइंस लैब को गए सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है,

लेकिन SIT ने मामले को आगे बढ़ाने का फैसला ले लिया है।

इसी वजह से आरोपी ACP मोहसिन को बयान दर्ज कराने के लिए अल्टीमेटम दिया है।

कौन हैं मोहसिन खान

  • रेप के आरोपी मोहसिन खान मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं
  • मोहसिन खान 2013 बैच के पीपीएस ऑफिसर हैं
  • 1 जुलाई 2015 को पुलिस सर्विस ज्वाइन की थी।
  • आगरा और अलीगढ़ में भी तीन-तीन साल तैनात रहे
  • इसके बाद 12 दिसंबर 2023 से कानपुर में तैनात थे
  • कानपुर में एसीपी साइबर क्राइम व एसीपी कलेक्टरगंज के पद पर तैनात थे
  • कानपुर में तैनाती के समय इसी साल 15 अगस्त को डीजीपी ने सिल्वर मेडल दिया
  • जुलाई 2024 में मोहसिन ने आईआईटी से साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एंड साइबर क्रिमिनोलॉजी से पीएचडी शुरू की।

पहली और दूसरी FIR में क्या आरोप

पहली FIR : मेरी मुलाकात दिसंबर, 2023 में IIT कानपुर में ACP मोहसिन से हुई। एक-दूसरे का मोबाइल नंबर लिया। 23 जून, 2024 को उन्होंने मुझे फोन किया।

कहा- मेरे गाइड में IIT से पीएचडी करना चाहते हैं।इसके लिए हेल्प चाहिए।मैंने हां कर दी।मैंने उनकी एडमिशन फीस जमा कराई।वॉक इन इंटरव्यू के टिप्स दिए।

यहां उन्होंने इंटरव्यू दिया।उन्हें एडमिशन मिल गया।फिर हम दोनों करीब आ गए।

इसी बीच खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया।कहा- वह अविवाहित हैं।उस वक्त मैं एक ब्रेकअप के दर्द से गुजर रही थी।अकेलापन महसूस होता था, इसलिए भरोसा कर लिया।

हम दोनों हॉस्टल के रूम में समय बिताने लगे।ACP ने मेरे साथ संबंध बनाए।

इसी बीच, मुझे पता चला कि वह शादीशुदा हैं।इस बात को लेकर मेरा उनसे झगड़ा हुआ।

तब जाकर मोहसिन ने मुझे कहा- उनका पत्नी से तलाक होने वाला है।उनकी 5 साल की बेटी है। फिर मैंने उन पर भरोसा कर लिया।

इसी साल, 27 नवंबर को ACP पिता बने,तब जाकर सच्चाई सामने आई।इसके बाद मुझे अपने साथ धोखे का एहसास हुआ।

मैं ACP के घर गई।तब पता चला कि तलाक की बात झूठी है।एसीपी अपनी पत्नी से कभी अलग नहीं हुए थे।

दूसरी FIR :

मैं PPS अधिकारी मोहसिन खान के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न मामले की शिकायतकर्ता हूं।

मैं इस लेटर से आपको सूचित करना चाहती हूं कि आरोपी और उनके सहयोगी मुझे बदनाम कर रहे हैं।

धमकी दे रहे, इससे मेरे जीवन को खतरा है। हाईकोर्ट से अरेस्टिंग स्टे आदेश के बाद मोहसिन ने अपनी शक्ति और प्रभाव का इस्तेमाल कर मुझे डराने-धमकाने और नुकसान पहुंचाने की हर संभव कोशिश की।

ACP के वकील गौरव दीक्षित ने मुझ पर निर्दोष बच्चे को मारने के प्रयास का झूठा आरोप लगाया।

मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए बिना सबूत के आरोप लगाए जा रहे हैं।

उन्होंने मेरे शादीशुदा होने के झूठे कागजात कोर्ट में पेश किए और मीडिया में बयान दिए।

मुझे धमकी दी जा रही है कि मेरे खिलाफ झूठी FIR दर्ज की जाएगी, ताकि चल रहे मामले से ध्यान हटा सके।

मोहसिन पुलिस अधिकारी के रूप में बड़ी पहुंच वाला है।इस वजह से मैं अपनी सुरक्षा को लेकर डरी हूं।

उनकी आक्रामक कार्रवाई और प्रभाव के कारण मैं अपने निवास IIT कानपुर से बाहर नहीं जा पा रही हूं।मेरे जीवन को खतरा है।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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