किसान संगठन बने गुंडे-बदमाश और माफियाओं के पनाहगाह

सरकारी कार्यालयों में दलाली से लेकर खनन, भू-माफिया, अवैध अस्पताल, अल्ट्रासाउंड सेंटर जैसे तमाम आपराधिक गतिविधियों में लिप्त गुंडे-बदमाश किसान संगठनों से जुड़कर दे रहे आपराधिक गतिविधियों को अंजाम

एटा। नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ MSP को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन का अंत भले ही कैसा भी रहा हो लेकिन उस आंदोलन का दुष्परिणाम इतना भयावह होगा शायद ही किसी ने इसकी कल्पना भी की हो, दरअसल मोदी सरकार के खिलाफ चला किसान आंदोलन तमाम आपराधिक गतिविधियों में लिप्त गुंडे-बदमाश और माफियाओं के लिए वरदान साबित हुआ है।
भले ही किसान आंदोलन समाप्त हो गया लेकिन उस किसान आंदोलन का दुष्परिणाम यह हुआ कि शहर से लेकर गांव-कस्बों तक में कुकरमुत्ते की तरह किसान संगठन पैदा होने लगे हैं और इनकी तादाद आये दिन बढ़ती जा रही है हर कोई भोले-भाले लोगों को अपने झांसे में फंसाकर किसान संगठन बनाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का कुचक्र रचाकर गुंडे-बदमाश और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त माफियाओं के लिए पनाहगाह बना हुआ है।

प्रशासन पर दबाव बनाकर सरकारी कार्यालयों में दलाली को अंजाम देने में महारथ हासिल है किसान रुपी गुंडे-बदमाशों को….

अक्सर देखा गया है कि किसान रुपी गुंडे-बदमाश जिले के बड़े अधिकारियों से लेकर तमाम विभागीय अधिकारियों के खिलाफ धरना देने और उनकी शिकायत करने की धमकी देकर दलाली को अंजाम दे रहे हैं बड़ी संख्या में अवैध खनन, भू-माफिया, अवैध अस्पताल से लेकर अल्ट्रासाउंड सेंटर और भी तमाम आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं, यह एक ट्रेंड सा चल पड़ा है जनपद में अगर अधिकारियों पर दबाव बनाकर रखना है और अवैध खनन, भू-माफिया से लेकर अवैध अस्पताल, मिलावटी घी-दूध का व्यापार करना है तो किसी किसान संगठन से जुड़ जाओ और जमकर कानून की धज्जियां उड़ाओ, और अगर कोई अधिकारी इन अवैध कार्यों पर शिकंजा कसे तो गांव-कस्बों से भोले-भाले लोगों को बुलाकर अधिकारियों के विरुद्ध हाय-हाय चिलाने लग जाओ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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