498 A IPC के एक मामले में SC का बड़ा फैसला

दिल्ली-सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला ….

अस्पष्ट शिकायतों के आधार पर आपराधिक मामले को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता पत्नी के ससुराल वालों के खिलाभारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत एक आपराधिक मामले को खारिज कर दिया

यह एक ऐसा मामला था जिसमें पत्नी ने अपीलकर्ताओं के खिलाफ धारा 498 ए, 323, 504 और 506 के साथ धारा 34 आईपीसी के तहत कार्यवाही शुरू की थी। शिकायत सौतेली सास (अपीलकर्ता संख्या 1), सौतेले देवर (अपीलकर्ता संख्या 2), ससुर और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ थी।

उसने अपीलकर्ताओं के खिलाफ क्रूरता या उत्पीड़न, संपत्ति से वंचित करने की धमकी आदि जैसे विभिन्न आरोप लगाए थे।

हालांकि, एफआईआर में आरोप सामान्य और सर्वव्यापी प्रकृति के थे और इसमें किसी भी विवरण से रहित भौतिक विवरण का अभाव था,

उच्च न्यायालय ने अपीलकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि धारा 498 ए के तहत क्रूरता का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति पीएस नरस

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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