SSP एटा एक साल बेमिसाल सुनील कुमार सिंह I .P. S

एटा। एक साल बेमिसाल सुनील कुमार सिंह I .P. S. जी हां यहां बात हो रही एटा ज़िले के पुलिस कप्तान की जिनको आज 23 अगस्त को इस जिले की कमान संभाले एक साल पूरा हो गया, शानदार, लाजवाब, निर्विवाद, गज़ब की कार्यशैली, और सभी को साथ लेकर चलने वाले सुनील कुमार सिंह ने आज से ठीक एक साल पहले श्री कृष्णजन्माष्टमी की रात को जब भगवान श्रीकृष्ण अवतरित हुए थे ,ठीक उसी समय सुनील कुमार सिंह भी एटा ज़िले में अवतरित हुए और जन्माष्टमी की रात को एटा का चार्ज सम्भाला, एटा के वाशिंदों ने जब उनकी तस्वीर को अखबार और सोशल मीडिया के जरिये देखा तो ऐसा लगा कि कोई ऐसा अधिकारी है जो कि अपनी मूंछों की अलग स्टायल के साथ आया है ,पता नही कैसा होगा , सख्त होगा या भृष्ट होगा पता नही कैसी कैसी फ़िल्म तैयार कर ली गयी अपने अपने ज़हन में, फिर चल पड़ी एटा पुलिस एक्सप्रेस सुनील कुमार सिंह के पीछे पीछे, तब से अब तक इस एक्सप्रेस ने जो रफ्तार पकड़ी , उसमे दिन प्रतिदिन तेज़ी ही आती गयी, एटा ज़िले के इतिहास में शायद ये पहले कप्तान हैं जिनके एक साल के कार्यकाल में से आधा समय सड़कों और गलियों में ड्यूटी निभाते ज़्यादा गुज़रा है, कड़ाके की सर्दी हो, या चिलचिलाती धूप गर्मी हो, मगर पुलिस कप्तान को शहर में कहीं भी खड़े हुए देखा जा सकता है,, ज़िला पुलिस की सर्वोच्च कुर्सी पर बैठा ये इंसान चाहे तो अपने एक इशारे पर अपराध जगत और अपराधियों की सात नस्लों को छटी का दूध याद दिला दे, पुलिस कप्तान का ज़िले में क्या क़द होता है ये सब जानते हैं, एटा जैसे नगर में पिछले कई सालों से ट्रैफिक व्यवस्था किस कदर चरमराई हुई है ये किसी से छिपा नही है, आए दिन भीषण जाम, दुर्घटना आदि के चलते व्यवस्था इस क़दर बद से बदतर हो गयी है कि मानों किसी नगर में नही बल्कि नरक में आ गए हों, इसी हालात को पुलिस कप्तान सुनील कुमार सिंह महसूस करते हैं और निकल पड़ते हैं वो काम करने जो एक पुलिस कप्तान का नही बल्कि सिपाही के स्तर का काम है, शहर की सड़कों पर चौराहों पर खड़े होकर खुद ट्रैफिक की व्यवस्था को सम्हालते हैं, बाक़ायदा चौराहे पर आकर दाएं बाएं हाथ से इशारा करके गाड़ियों एवम उनके ड्रायवरों को ट्रैफिक नियमों का हवाला देते हुए सही दिशा में और सही गति से चलाने का निर्देश देते हैं , आम जनता जो आज ट्रैफिक रूल बेखोफ होकर तोड़ती है वो जब खुद SSP को चौराहे पर ट्रैफिक व्यवस्था सम्भालते देखती है तो खोफ से खुद व खुद होश में आ जाती है, कप्तान सुनील कुमार सिंह के मैदान में आने से उन आलसी ट्रैफिक कर्मियों में भी जोश आ जाता है जो अपनी ड्यूटी की केवल खाना पूर्ति करते हैं, सलाम है ऐसे पुलिस कप्तान को जो जनता के दर्द को अपना दर्द समझते है, उनका कहना है कि यातायात को व्यवस्थित करके उनको आत्मीय सुकून मिलता है, उनके ज़िले में चार्ज लेने के बाद अपराध में कमी तो आई ही साथ ही आम आवाम को भी लगता है कि पुलिस और जनता के बीच सम्बन्ध कैसे बनाये जाते हैं, जनता से प्यार से मिलना उनकी समस्या को सुनकर उसका निवारण करना इन सभी कामों के चलते जनता के दिलों में अपनी खास जगह बनाने में कामयाब हो गए, जो बहुत कम अधिकारियों को नसीब होता है , मार्च के महीने से लॉक डायन कोविड 19 के चलते जिस तरह ज़िले भर में दिन रात घूम घूम कर कोरोना रोकथाम मिशन को अंजाम दे रहे हैं, हज़ारों प्रवासी मज़दूरों को भोजन / वाहन की व्यवस्था करवा कर उनको घर पहुंचवाने का काम हो या लॉक डाउन का पालन, माक्स पहनने के प्रति जागरूक करना ऐसे अनगिनत काम हैं जिनको लेकर पुलिस कप्तान सुनील कुमार सिंह एटा ज़िले में बहुत लंबे समय या यूं कहें कि हमेशा याद रखे जाएंगे, उनको शानदार पारी के लिए मुबारकबाद

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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