कंधे पर पाेते का शव लेकर भटकते रहे दादा, जिला अस्पताल से नहीं मिली एम्बुलेंस

यूपी : संवेदनहीनता ! कंधे पर पाेते का शव लेकर भटकते रहे दादा, जिला अस्पताल से नहीं मिली एम्बुलेंस

यूपी के सुलतानपुर में जिला अस्पताल प्रशासन ने संवेदनहीनता की हद कर दी है। एक लाचार दम्पति अपने साढ़े तीन साल के पोते का शव ले जाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उसे एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी। वह पैदल ही कंधे पर अपने लाडले का शव लेकर बस स्टेशन पहुंचा। वहां भी शव लेकर बस पर बैठने से उसे मना कर दिया गया। थोड़ी देर में वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई तो बस चालक उन्हें लेकर रवाना हुआ।

जौनपुर जिले का सरपतहा थाना क्षेत्र जिले की सीमा से बिल्कुल सटा है। यहीं के उसरहा गांव निवासी रामयथ के साढ़े तीन साल के पोते दिव्यांश को शुक्रवार की देर रात सांप ने डस लिया। बच्चे को लेकर रामयश अपनी पत्नी के साथ कादीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। वहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल पहुंचने पर बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद रामयश जिला अस्पताल में मौजूद फ्री एम्बुलेंस सेवा के चालक के पास पहुंचे। पीड़ित ने बताया कि बातचीत के दौरान एम्बुलेंस चालक ने शव पहुंचाने के लिए रुपयों की मांग की।

रुपए न होने के कारण चालक ने शव घर पहुंचाने से मना कर दिया। इसके बाद रामयश बच्चे का शव कंधे पर लेकर बस स्टेशन पहुंचे। यहां भी रोडवेज के एक चालक ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह अपनी गाड़ी से लाश नहीं ले जायेगा। अब रामयश शव लेकर जिला अस्पताल के गेट इधर-उधर भटकने लगे। थोड़ी देर बाद यह खबर मीडिया को लगी। देखते ही देखते वहां काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। मामला गर्माया तो रोडवेज का चालक उन्हें ले जाने के लिए तैयार हुआ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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