वाराणसी सहित पूरे उत्तर प्रदेश के ई-रिक्शा  (टोटो) चालक भुखमरी के कगार पर


*वाराणसी के ऑटो एवं ई-रिक्शा चालक को किया गया उनके मौलिक अधिकारों से वंचित*।

वाराणसी ब्यूरो।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन की ओर से चालकों पर विशेष निगरानी करते हुए उनके अधिकारों को लेकर उठाया गया जोरदार सवाल।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एवं वरिष्ठ पत्रकार/न्यूज़ संपादक एके बिंदुसार ने कहा कि वाराणसी में ई- रिक्शा चालक  भुखमरी के कगार पर आ गए हैं।
ई -रिक्शा संचालन पर बनाए गए तमाम नए नियम कानून से वाराणसी के चालकों सहित उत्तर प्रदेश के चालकों में हड़कंप मच गया हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को वाराणसी के टोटो चालकों के संदर्भ में पुनः विचार करते हुए मध्य मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।

भारतीय मीडिया फाउंडेशन परिवहन फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौबे ने कहा कि वाराणसी जनपद में ई -रिक्शा चालकों को दो वक्त की रोटी के लिए लाला पड़ गया है, लोन पर लिए ई-रिक्शा का किस्त भी भरने में उन्हें दिक्कत हो रही है और परिवार के भरण-पोषण  के लिए भी दर-दर भटकना पड़ रहा हैं जिसके कारण वह दिन प्रतिदिन  कर्ज में डूबते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है फूट डालो राज करो की नीति भी वाराणसी जनपद में अपनाई गई है आखिर चालक तो चालाक होता है चाहे वह ऑटो का हो या टोटो  का हों।
उन्होंने कहा कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है जिला प्रशासन या नेता या कुछ तथा कथित चालक नेता बनने वाले लोग, इसकी उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ई -रिक्शा चालकों के समस्याओं का उचित समाधान न होने के कारण अब लोग एक बड़े आंदोलन के दिशा की ओर बढ़ रहे हैं जो देश के प्रधानमंत्री महोदय के संसदीय क्षेत्र में न्याय संगत नहीं है।
उन्होंने वाराणसी जनपद सहित उत्तर प्रदेश के समस्त ऑटो एवं ई-रिक्शा चालकों से अपील करते हुए कहा है कि आप वाहन चालक हो आपका दर्जा बहुत ऊंचा है जब आप अपना वाहन चलाते हैं और उसमे बैठे हुए तीन एवं चार परिवार के लोगों की जिंदगी आपके हाथ में होती है तो यात्री कहता है कि आराम से चलो हम लोगों की जिंदगी आपके हाथ में आप ही भगवान हो तो आपका दर्जा कितना महत्वपूर्ण हुआ यह समझने की बात है।
यह जो फूट डालो राज करो की नीति चल रही है इससे आपको सावधान रहना है आप अपने चालक एकता को मजबूत बनाए ऑटो और टोटो चालक के नाम पर आप बंटे नहीं बल्कि अपने अधिकारों के लिए सरकार के समक्ष डटे और जो आपके बीच फूट डालें ऐसे लोगों को नकारने की जरूरत है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन परिवहन फोरम के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्वांचल महापंचायत उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष मिंटू राजभर ने कहा कि वाराणसी जनपद में जाम का कारण सिर्फ ऑटो या टोटो के ऊपर मढ़ना न्याय संगत नहीं है इसके बहुत सारे कारण  है सड़क के किनारे अतिक्रमण टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर एवं बस इत्यादि हैं सबसे बड़ा कारण नगर निगम एवं यातायात विभाग जो नियमों का पालन ठीक से नहीं करती और न कराती है हर चट्टी चौराहे पर उनके कार्य किस प्रकार के होते हुए नजर आते हैं यह पूरा प्रदेश और देश जानता हैं।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में जाम का कारण कुछ नेता भी है जो अपनी नेतागिरी चमकाने के चक्कर में अब ऑटो और टोटो चालकों पर राजनीति खेल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वाराणसी के चालकों की समस्याओं का समाधान हो सकता है इसके लिए चालक एकता को मजबूत करने की जरूरत हैं जब तक ऑटो एवं ई-रिक्शा के चालक दो भागों में बाटे रहेंगे आपस में खींचातानी करते रहेंगे तो ऐसे ही आपके भोलेपन का फायदा नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन के लोग उठाते रहेंगे और चट्टी चौराहों पर आपको लाठियां पड़ती रहेंगी और आपसे धन वसूली का खेल चलता रहेगा।
ऑटो और टोटो के लिए स्टैंड की व्यवस्था का न होना शहर में जाम का  सबसे मुख्य कारण है जिसका सीधा जिम्मेदार नगर निगम पीडब्ल्यूडी हैं।
उन्होंने समस्त ऑटो और टोटो चालकों से एक मंच पर संगठित होने की अपील की हैं।
उन्होंने नगर निगम एवं जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि जिला प्रशासन एवं चालक समन्वय समिति बनाने की आवश्यकता हैं।
उन्होंने कहा कि जिस पर एक चिंतन बैठक करके समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है इस तरीके से हिटलर शाही फरमान जारी करना मानवाधिकारों का हनन हैं।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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