फरीदपुर रिश्वत प्रकरण: दबिश देती रही बरेली पुलिस, हाईकोर्ट से राहत का आदेश ले आया इंस्पेक्टर रामसेवक


बरेली पुलिस यहां रही नाकाम
फरीदपुर पुलिस ने 21 अगस्त की रात नवदिया अशोक गांव के स्मैक तस्करों गिरफ्तार किया था। थाने के इंस्पेक्टर रामसेवक ने तस्करों को छोड़ने के लिए 15 लाख रुपये की मांग की। सात लाख रुपये लेकर आलम व नियाज अहमद को छोड़ दिया था। शिकायत मिलने पर पुलिस अफसरों ने इंस्पेक्टर के आवास पर छापा मारा तो वहां से 9.85 लाख रुपये बरामद हुए थे। इंस्पेक्टर दीवार फांदकर भाग गया था।


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िजय शर्मा की गिरफ्तारी में तत्परता दिखाने वाली पुलिस, रिश्वतखोरी के मामले में फरार इंस्पेक्टर रामसेवक के मामले में फेल साबित हुई। कागजों पर दबिश चलती रही। उधर रामसेवक को हाईकोर्ट से 60 दिनों में अदालत में आत्मसमर्पण की मोहलत मिल गई है। इस अवधि में उसे जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया गया है।फरीदपुर थाने से सात लाख रुपये रिश्वत लेकर स्मैक तस्करों को छोड़ने के मामले में फरार इंस्पेक्टर रामसेवक के सरकारी आवास से नौ लाख रुपये बरामद किए गए थे। मामले में भ्रष्टाचार की धारा समेत दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। रामसेवक की ओर से रिपोर्ट रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया।

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