
संसार की सब से छोटी गाय पंगुर या पंगरूहै। इस पंगुर गाय की ऊंचाई केवल दो फिट तक होती है। यह गाय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पाली हुई है। यदि घर में जगह कम है या फ्लैट में रहते हैं तो भी यह गाय पाली जा सकती है। यह गाय कम चारा खाती है और गाय का चारा अब बाजार में उपलब्ध है। घर में यथा संभव गाय अवश्य रखें, इससे घर में सुख-शांति समृद्धि और देवत्व आता है और नकारात्मक प्रभाव नहीं रहता है, घरों में क्लेश का कारण गाय विहीनता है। गो पालन से आपको पुण्य मिलता है, भगवान श्रीकृष्ण का भी यही संदेश है।
घर में कुत्ते पालने से आपके पुण्य नष्ट होते हैं बीमारियां आती हैं। कुत्ते पालने वाले परिवार को पितृ और देव दोष लगता है। कूकर शूकर किसी भी तरह घर में पाले जाने वाले पशु नहीं हैं। रहिमन ओछे नरन सौं बैर भली ना प्रीत काटे चाटे स्वान के दोऊ भांति विपरीत। कुत्ता प्राकृतिक रूप से चौकीदार और शूकर सफाई कार्य के लिए बने हैं, इन्हे उनके प्राकृतिक हैविटैट में ही रहने दें, वहीं उन्हें भोजन या चारा दें घर में नहीं। गली या आंगन के कुत्ते अपने आस पास गंदगी नहीं करते और अवांछित व्यक्ति को तत्काल पहचान कर सबको सचेत करते हैं। इसके विपरीत घरों में पाले गये कुत्ते सड़कों पर गंदगी करते हैं और आपके पुण्य नष्ट करते हैं। कुत्ते न मारने चाहिए न पालने चाहिए, कुत्तों को आखरी रोटी अवश्य दें लेकिन मीठा भोजन और मिठाई किसी भी पशु को ना दें। इससे उन्हें त्वचा रोग होने लगते हैं और उनके प्राकृतिक भोजन का स्वाद छिन्न-भिन्न हो जाता है।
लेकिन गाय को पर्व व विशेष अवसरों पर गुड़ रोटी देने का विधान है। गाय को सप्ताह में केवल एक दिन पींडा जो झंगोरा आदि से बना हो दिया जा सकता है लेकिन गाय को अधिकांश तया केवल गो ग्रास यानी घास ही देना चाहिए। गाय पालने से गृह क्लेश समाप्त होता है, घर में लक्ष्मी का वास होता है और पितृदोष और देव दोष नहीं लगता है क्योंकि जहां गाय पाली जाती है वहां देवता और पितृ हवि व भोग गृहण करते हैं। इससे घर में सुख-शांति समृद्धि और शुभ कार्य होते हैं हमारा सुझाव है गाय को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर गाय को अवध्य प्राणी अधिसूचित किया जाय गो वध की सजा तत्काल मृत्युदंड तय हो नहीं तो गो भक्षियों के जबड़े से यह अमूल्य प्राणी तेजी से लुप्त हो रही है। इसका बचना असंभव है इस प्राणी रक्षा अपने प्राणों से अधिक करनी चाहिए। शास्त्रों में भी गो ब्राहमण स्त्री और समस्त शिशु अवध्य बताये गये हैं✍️हरीश मैखुरी