
एटा
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देश के अनुपालन एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एटा के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एटा में स्थापित मध्यस्थता केन्द्र में दिनांक 03.09.2024 को न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जलेसर, एटा से प्राप्त पत्रावली वाद संख्या-215/2024 अनिल कुमार बनाम् रामबाबू आदि अन्तर्गत धारा-303(2), 316(2), 352, 351 B.N.S. थाना-निधौली कलां, एटा एवं न्यायालय सिविल जज (जू०डि०)/जे०एम०, कक्ष सं०-22, एटा से प्राप्त पत्रावली वाद संख्या- 17731/2024 कुन्ती देवी बनाम् अर्जुन आदि अन्तर्गत धारा-85, 115, 352, 351 B.N.S. व 3/4 D.P. Act में क्रमशः मध्यस्थ श्री कन्हीलाल शर्मा एवं मध्यस्थ श्रीमती डौली राघव के साथ कमालुद्दीन, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एटा के निर्देशन में प्रशिक्षु अपर सिविल जज (जू०डि०), सचिन, मोहित कुमार, सुश्री गरिमा आर्य एवं सुश्री आंचल मलिक द्वारा दोनों पक्षकारों को एक साथ बैठाकर मीडिएशन कराया गया, जिसके परिणाम स्वरूप दोनों पत्रावलियों में पक्षकारों ने साथ-साथ रहने की सहमति व्यक्त की और आजीवन साथ रहने को तैयार हुए। सचिव महोदय द्वारा भी दोनों दम्पतियों समझाया गया कि आपसी मतभेद भुलाकर अपने बहुमूल्य जीवन को हसी-खुशी निर्वहन करें तथा यह भी बताया कि आपने अपने वाद में आपसी समझौता कर मानव समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है।
इसी के साथ दम्पत्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एटा से ही परिवारियों के साथ ससम्मान विदा होने की अनुमति ली तथा भविष्य में इस प्रकार की कोई भूल दोबारा न हो इसका भी प्रण लिया।