
एटा = एस एस पी एटा ने जैथरा प्रभारी व एस आई को इक्कीसबी सदी मे रहते हुए, बीसबी सदी जैसी सोच के कारण लाइन हाजिर कर दिया।
जैसा कि सुनने मे आया न्याय तंत्र का काम न्यायालय से न होकर पुलिस ही किसमा पत्ती लेकर थाने से ही न्याय देकर गांव को भेज दें तो सवाल उठना लाजिमी है, आज के दौर मे इलेक्ट्रोनिक गजट व तकनीक प्रयोग कर किसी को यस नो किया जा सकता है, लेकिन कोतवाली मे मंदिर मे गंगाजली से न्याय होने लगे तो जिले के न्यायधिकारी क्या करेंगे?
ज़ब खुद ही न्यायधिकारी बनकर लोगो को न्याय देने लग जाएगे तो न्याय पालिका पर कौन विश्वास करेगा।
इसी चक्कर मे तेज तर्रार दोनों पुलिस अफसरो को लाइन हाजिर होने का दंश झेलना पड़ा।