स्वतंत्रता दिवस वीर सपूतों के बलिदान, अदम्य साहस और संघर्ष का प्रतीक है: राजू आर्य

एटा। भाजपा नेता रंजीत कुमार उर्फ राजू आर्य ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमारे संवाददाता को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि भारत का यह 78 वां स्वतंत्रता दिवस है, जो कि सिर्फ एक दिवस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिवस वीर सपूतों के बलिदान, अदम्य साहस और संघर्ष का प्रतीक है। ये आजादी हमें यूं ही नहीं मिल गई थी, इसके लिए सैंकड़ों वीरों ने कुर्बानी दी थी। सिर पर कफन बांधे युवाओं की टोलियां होती थीं…तो महिलाओं के कदम भी कहीं पीछे नहीं डिगते थे। कितने आजादी के वीरों ने सीने पर हंसते-हंसते गोलियां खाईं थीं। कई रातें फाकाकशी में गुजारीं थीं तो कईयों ने अपनों को घर समेत खोया था। इतनी कुर्बानियों और बलिदानों की आहुति के बाद तब जाकर आजादी की लौ जली थी जो आज 78 बरस बाद भी निरंतर जल रही है। साथ ही राजू आर्य ने कहा कि लगभग 200 वर्षों के निरंतर संघर्ष और अपने लाखों नौजवान वीर सपूतों की कुर्बानी के बाद भारत को ब्रिटिश राज से आजादी मिली। इस आज़ादी के संघर्ष में अपना जीवन अर्पित करने वाले कुछ बहादुरों को तो उचित पहचान मिली, जबकि कई अन्य लगभग पूरी तरह से गुमनामी में रह गए। देश की आज़ादी की लड़ाई में न जाने कितने देशवासियों ने खुद को बलिवेदी पर चढ़ा दिया। राजघराने से लेकर आम जन-मानस तक, भारत के हर गली-कूचे से आपको स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियाँ मिल जाएँगी।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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