दिव्य तीर्थ शांति जिनायतन “सन्मति धाम” का भव्य शिलान्यास/भूमिपूजन

एटा गौरव तपस्वी सम्राट की जन्मभूमि पर बनेगा करोड़ों की लागत का दिव्य तीर्थ शांति जिनायतन “सन्मति धाम”

परम पूज्य जिनागम पंथ प्रवर्तक भावलिंगी संत श्रमणाचार्य गुरुदेव श्री विमर्श सागर जी मुनिराज की दिव्य प्रेरणा मंगल आशीर्वाद एवम पावन सानिध्य में बनने जा रहे श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री शांति जिनायतन ” सन्मति धाम” के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए जिनागम पंथ प्रभावना ट्रस्ट की अध्यक्षा श्री मति शशि जैन फफोतू ‘ एटा ‘ द्वारा बताया गया की यह जिनमंदिर राम मंदिर अयोध्या की तरह नागर शैली में लाल पत्थर द्वारा निर्मित किया जाएगा इस मंदिर में मूलनायक भगवान के रूप में जैन धर्म के सोलहवे तीर्थंकर श्री शांतिनाथ भगवान की अखंड पाषाण से निर्मित 25 फुट ऊंची उत्तरी भारत की प्रथम जिन प्रतिमा विराजमान की जाएगी साथ ही सहनायक के रूप में तीर्थंकर कुंथुनाथ एवम अरनाथ की 21 फुट ऊंची जिन प्रतिमाएं भी विराजमान की जाएगी साथ ही इस भव्य मंदिर में सर्वतोभद्र चौबीस मंदिरों की मनोहारी रचना भी की जाएगी यह मंदिर लगभग 100 फुट चौड़ा, 136 फुट लंबा एवम 91 फिट ऊंचाई को लिए हुए होगा जो कोशो दूर से दर्शनार्थीयो के लिए रोमांचित करने वाला होगा यह संपूर्ण मंदिर सिर्फ पत्थर द्वारा निर्मित होगा जिसमे लोहे या किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया जाएगा गुजरात के आर्कीटेक की एक विशेष टीम द्वारा इस भव्य मंदिर की अद्भुत संरचना के लिए विशेष प्लान किया जा रहा है 136 कलामय पाषाण स्तंभों के ऊपर यह संपूर्ण मंदिर खड़ा किया जाएगा जिसमे 51 फिट ऊंचा मूल शिखर 31 फिट ऊंचा सामरन मंडप एवम 21 फिट ऊंची श्रंगार चौकी का निर्माण किया जाएगा इस मंदिर की दीवालो पर जैन दर्शन के अनेक प्रतीको सहित महापुरुषों के जीवन वृत्त का जीवंत चित्रण किया जाएगा जो आगामी पीढ़ी के लिए प्रेरक होगा मंदिर के सामने 51 फिट ऊंचा विशाल मानस्तंभ निर्मित होगा जिसमे चारो तरफ जिनेन्द्र भगवान की मूर्ति विराजमान होगी मंदिर के अलावा इस संपूर्ण क्षेत्र परिसर में साधु संतो के साधना के योग्य आचार्य विराग सागर संत निलय का भी निर्माण किया जाएगा जिसमे समय समय पर साधु भगवंत रुक कर अपनी आत्म साधना कर सकेगें साथ ही साधुओं के आहार एवम निहार के लिए भी विशेष स्थान निर्मित होगे एटा नगर के गौरव फफोतू में जन्मे आचार्य सन्मति सागर जी महामुनिराज एवम कोसमा में जन्मे वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री विमल सागर जी महामुनिराज के भी भव्य गुरु मंदिरों का भी निर्माण किया जाएगा जन्म भूमि की वंदना करने आने वाले यात्रियों के ठहरने के लिए सर्व सुविधा युक्त एक भव्य धर्मशाला का भी निर्माण होगा साथ ही जैन साहित्य के संरक्षण संभर्धन एवम अध्यन के लिए एक विशाल जिनागम पंथ ग्रंथालय भी स्थापित होगा इसके अलावा इस परिसर में प्रवचन सभागार श्रमण आहार शाला एवम सुंदर गार्डन भी होगा भावी योजनाओं के तहत गुरुकुल एवम आरोग्य धाम (ओषधालय/ट्रामा सेंटर) का निर्माण भी शामिल हे ।
इस जिनागम पंथी नवोदित तीर्थ का भव्य भूमिपूजन समारोह 13 फरबरी दोपहर 1 बजे किया जाएगा एवम शिलान्यास समारोह 16 फरबरी 2024 दिन शुक्रवार को प्रातः 9 बजे से किया जाएगा। इस आयोजन को लेकर जिनागम पंथ प्रभावना ट्रस्ट रजि ° एवम सकल दिगंबर जैन समाज एटा द्वारा जोरदार तैयारिया की जा रही हे। इस आयोजन में शामिल होने के लिए देश भर से हजारों गुरुभक्ति के आने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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