EVM की संदिग्धता पर अब कैसे अविश्वास करें…?

EVM की संदिग्धता पर अब कैसे अविश्वास करें…?

ज्ञात हो कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड जो ईवीएम की मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली कंपनी है, मे बीजेपी ऑफिस के पदाधिकारी और नॉमिनी डायरेक्टर हैं, ऐसे में क्या ईवीएम सुरक्षित हैं?

क्या इस स्थिति में मुक्त और स्वतंत्र चुनाव हो सकते हैं…?

इलेक्शंस की पवित्रता को कौन बचाएगा? आखिरकार इस मसले पर भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) शांत क्यों है…? कम से कम आप बोलिए और लोकतंत्र बचाइए…

दरअसल, आर्थिक मामलों की खबरें देने वाली वेबसाइट मनी लाइफ डॉट इन ने 29 जनवरी की एक रिपोर्ट में दावा किया कि :

भारत सरकार में सचिव स्तर के अधिकारी रह चुके सेवानिवृत आईएएस अधिकारी ईएएस शर्मा ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा कि ईवीएम बनाने वाली कंपनी के 4 स्वतंत्र निदेशक बीजेपी से जुड़े रहे हैं….

उन्होंने इसके साथ ही मांग की कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि बीजेपी से जुड़े इन व्यक्तियों को निदेशक पद से हटाया जाए…

BEL की डिटेल सार्वजनिक करने की मांग:

लेटर में ईएएस शर्मा ने मांग की थी, “भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इसके द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण सार्वजनिक किया जाए. क्या बीजेपी से जुड़े पदाधिकारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले चला सकते हैं जो ईवीएम बनाती है.” ईएएस शर्मा ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दो अन्य चुनाव आयुक्तों को पत्र लिखा है….

EVM के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करती है BEL

बीईएल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करती है. ईएएस शर्मा ने खत के जरिए कहा कि बेल निदेशकों का बीजेपी से जुड़ा होना इस ओर इशारा करता है कि पार्टी कंपनी के कामकाज की निगरानी करती रही है…

उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि आयोग ने जानबूझकर कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है.

उनके पत्र के मुताबिक कंपनी अधिनियम कहता है कि एक स्वतंत्र निदेशक को कंपनी के मामलों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए…

सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के तहत चुनाव आयुक्त का चयन तीन लोगों की कमेटी द्वारा जिसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश शामिल थे, किया जाना था, सरकार ने कानून बनाकर मुख्य न्यायाधीश को हटाकर उनकी जगह अब एक कैबिनेट मंत्री को शामिल कर लिया ….

बीजेपी सरकार जब कहती है कि इस बार लोक सभा चुनाव में 300 पार तो यह आंकडा पार हो जाती है, इस बार कह रही है, 400 पार तो लगता है, ये भी पार हो जायेगा..

क्योंकि यदि क्रोनॉलॉजी पर गौर करें तो साहेब का दक्षिण भारत विजिट करना ED, CBI, IT के छापे के साथ नीतीश कुमार जैसे लोगों को शामिल करना आदि महज दिखावा और नैरेटीव बनाना तो नही कि देश की जनता समझे बीजेपी अपनी अथक मेहनत, स्ट्रेटजी के कारण 400 पार हुई जबकि वास्तविक खेला EVM से ही हो….??

आखिर सरकार द्वारा चुनाव आयुक्त के निष्पक्ष चयन कमेटी से मुख्य न्यायाधीश को हटाकर अपने कैबिनेट मन्त्री को लाना, एवं EVM निर्माण कम्पनी मे भाजपाई नेताओं को डायरेक्टर बनाना, चुनाव आयोग द्वारा EVM के सवालों पर विपक्ष का जवाब ना देना … क्या अपने आप मे बहुत कुछ बयां नही कर देता है….?

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× अब ई पेपर यहाँ भी उपलब्ध है
अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks