कौन थे राजीव त्यागी? कैसे टीवी पर बहस के बाद दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत

कौन थे राजीव त्यागी? कैसे टीवी पर बहस के बाद दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत

राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के अपने कार्यकाल में 31 दिसंबर 2018 को 10 नए प्रवक्ताओं को नियुक्त किया था जिनमें राजीव त्यागी भी शामिल थे.

कांग्रेस के सीनियर प्रवक्ता राजीव त्यागी का हार्ट अटैक से निधन हो गया. उनके इस आकास्मिक निधन से सभी को स्तब्ध कर के रख दिया. कुछ देर पहले ही वो एक न्यूज़ चैनल पर डिबेट कर रहे थे. उनके निधन से राजनीति गलियारे में शोक की लहर है. राजीव त्यागी की पहचान एक तेज तर्रार प्रवक्ता के तौर पर थी. आइए जानते हैं राजीव त्यागी के बारे में, उनके प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक सफर के बारे में..

कौन थे राजीव त्यागी

राजीव त्यागी कांग्रेस के सबसे तेज प्रवक्ताओं में एक थे. वह पार्टी की बात टीवी डिबेट में मुकरता से रखते थे. राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के अपने कार्यकाल में 31 दिसंबर 2018 को 10 नए प्रवक्ताओं को नियुक्त किया था जिनमें राजीव त्यागी भी शामिल थे. राजीव त्यागी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रहते थे. शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने MBA कर रखा था.

राजीव त्यागी साल 1999 में चर्चा में आए थे. दरअसल उस वक्त अटल विहारी वाजपेयी गाजियाबाद के शिखेरा गांव में पहुंचे थे. तब राजीव त्यागी ने उन्हें काले झंडे दिखा कर उनका विरोध किया था. उस वक्त राजीव त्यागी को इसके लिए जेल भी जाना पड़ा था.इसके अलावा भी वह किसानों और गरीबों के मुद्दे उठाने की वजह से कई बार जेल जा चुके हैं.

वह लागातर पार्टी को यूपी में मजबूत करने में लगे रहे. अलवर संसद के लिए साल 2009 में पर्यवेक्षक बने. बाद में राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी.

प्रियंका और राहुल ने जताया दुख

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता श्री राजीव त्यागी जी की असामयिक मृत्यु मेरे लिए एक व्यक्तिगत दुःख है. हम सबके लिए अपूर्णीय क्षति है. राजीव जी विचारधारा समर्पित योद्धा थे.
समस्त यूपी कांग्रेस की ओर से परिजनों को हृदय से संवेदना. ईश्वर उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति दें.”

वहीं कांगेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें बब्बर शेर बताया. ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “कांग्रेस ने आज अपना एक बब्बर शेर खो दिया. राजीव त्यागी के कांग्रेस प्रेम व संघर्ष की प्रेरणा हमेशा याद रहेंगे.
उन्हें मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि व परिवार को संवेदनाएं.

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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