
चलो राम के पदचिन्हों पर तुम्हें इतिहास बदलना होगा।* *(आचार्य मनोज अवस्थी)*
*किसी बात या प्रसंग पर तर्क करो कुतर्क से सम्मान घट जाता है।*
*भगवान जिससे मांगते हैं वह बड़ा होता है।*
एटा जनपद के कस्बा अलीगंज में चल रही श्रीमदभागवत कथा में अंतराष्ट्रीय भागवत कथा वाचक एवं समाज सुधारक आचार्य मनोज अवस्थी जी ने चकबा चकबी का दृष्टांत सुनाते हुए कहा कि दोनों दिन भर साथ रहते थे,परन्तु रात को कभी साथ नहीं रहे।अर्थार्त एक वैभव का प्रतीक है और एक त्याग का।यही त्याग भरत जी ने किया। उन्होंने तमाम वैभव को छोड़कर अपने बड़े भाई के वन से वापस आने की प्रतीक्षा की।आचार्य जी ने केवट राम सम्बाद का दृष्टांत सुनाते हुए कहा,मांगी नाव न केवट आना कहहु तुम्हार मरम मैं जाना।अर्थार्त भगवान राम ने केवट से नाव मांगी नदी पार कराने हेतु,यहां पर केवट का कद बड़ा यही तो शिक्षा मिलती है हमें रामायण से कि जो मांगता है उससे बड़ा देने वाला होता है।भगवान श्रीराम जब पार हुए तो उन्हें वड़ी ग्लानि हुई कि मेरे पास देने को कुछ नही है तब सीता जी ने उनके ह्रदय की बात की समझते हुए, मन मुदरी मन मुदित उतारी परन्तु केवट ने उतराई लेने से मना कर दिया कहा कि सीता जी आप मेरी पुत्री के समान हो हमारे यहाँ पुत्री का कुछ भी लेना धर्म संगत नहीं है।राम जी से विनय कर कहा *मैंने तुमको पार किया प्रभु मुझको पार लगा देना। उन्होंने वर्तमान समाज की दुर्दशा पर चिंतित होते हुए कहा कि हम हर वर्ष रावण को जलाते हैं।परंतु *सचमुच के रावण जिंदा हैं।कागज के रावण जलते हैं।*
रावण हनुमान युद्ध के विषय मे बताया कि रावण बोला हनुमान जी से कि हमारा तुम्हारा युद्व हो जाये एक मुष्टिका मैं मारूंगा एक तुम।हनूमान जी तैयार हो गए पर शर्त यह रही कि तुम रावण पहले मुक्का मारेगा।हनुमान जी तो सह गए रावण का कुक्का परन्तु जब हनुमान जी ने मुक्का मारा तो रावण अचेत होकर गिर पड़ा।भगवान राम के जन्म से लेकर धनुष यज्ञ और परसुराम लक्ष्मण सम्वाद की कथा का बड़े ही शब्दों में वर्णन कर धर्मालुयों को भावविभोर कर दिया।अंत मे कृष्ण जन्म की कथा के सार का वर्णन कर कृष्ण जन्म की खुशियों को *नन्द के घर आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की।दीवानी बन जाऊँगी तूम्हारी बन जाऊँगी।कान्हा की दीवानी बन जाऊंगी।* भजनों पर सभी कृष्ण भक्त झूम कर नाचे। इस अवसर पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख रामकिशोर यादव,बलबीर सिंह एडवोकेट, नीरज सिंह भट्टे वाले,सुबोध सिंह, सन्तोष सिंह प्रधान,पप्पू, हरिओम यादव,के अलावा हजारों की संख्या में भगवत प्रेमी और मातृशक्ति उपस्थित थी।