
#Lucknow…
21 जिलों के इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के फोन नंबरों में गड़बड़ी, डीएम से जवाब तलब
◾इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के संचालन में शिथिलता पर सरकार ने एक्शन लिया
◾अंबेडकरनगर व सीतापुर सहित 21 जिलों के जिलाधिकारियों को प्रथम दृष्टया पर्यवेक्षणीय शिथिलता का जिम्मेदार माना
◾मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी के बाद इन जिलों के डीएम से तीन दिन में स्पष्टीकरण तलब किया
◾46 जिलों के डीएम से कमांड सेंटर से गैरहाजिर पाए गए नोडल अधिकारियों का स्पष्टीकरण प्राप्त कर शासन को उपलब्ध कराने को कहा
◾गायब रहने, फोन खराब होने पर नोडल अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा
◾अंबेडकरनगर, अमरोहा, बलिया, बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, हाथरस, कन्नौज, कानपुर नगर, कासगंज, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, उन्नाव, वाराणसी, मऊ और मुजफ्फरनगर सहित 21 जिलों में फोन नंबर गलत होने, सेवा में उपलब्ध न होने, बंद होने या फोन न उठने जैसे मामले सामने आए। शासन ने इसे डीएम की पर्यवेक्षण की शिथिलता के रूप में लिया है। उनसे तीन दिन में स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
◾मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों के फोन पर 46 जिलों में नोडल अधिकारी फोन पर नहीं मिले। इन 46 जिलों में से 27 जिलों-अमेठी, औरैया, अयोध्या, आजमगढ़, बलरामपुर, बारबंकी, बरेली, बस्ती, इटावा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, गोरखपुर, हमीरपुर, हापुड़, झांसी, कानपुर देहात, कुशीनगर, लखीमपुर, ललितपुर, रामपुर, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, पीलीभीत व प्रयागराज में नोडल अधिकारी नहीं मिले।
◾इनके स्थान पर अपने को सहायक नोडल अधिकारी बताने वालों ने फोन उठाया। इसी तरह 19 जिलों बांदा, भदोही, बिजनौर, बदायूं, एटा, फर्रुखाबाद, गोंडा, जालौन, जौनपुर, रायबरेली, संभल, शामली, श्रावस्ती, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, प्रतापगढ़, बागपत व हरदोई में लिपिक वर्गीय कर्मियों ने फोन उठाया और कोई भी जानकारी नहीं दे सके।