खरी – अखरी
मुख्यमंत्री के सिपहसलारों का नाम भी दिल्ली दरबार में ही तय होगा

दिल्ली दरबार के आगे नतमस्तक हैं प्रदेश के वजीर-ए-आजम
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दिल्ली दरबार से आये देवदूतों ने भगवान मोदी का संदेश वाचित कर जनता द्वारा चुने गये विधायकों को बताया कि मध्यप्रदेश में मोहन यादव, छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय और राजस्थान में भजनलाल शर्मा मोदी के मन को भाये हैं और इनको मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। मजे की बात यह रही कि मोदी ने मनभावनों के नाम की औपचारिक प्रस्तावना मध्यप्रदेश में निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह तथा राजस्थान में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से करवाई गई। जबकि ये तीनों मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार थे। ये तो ऐसई हुआ कि जबरा मारे रोबन न देय।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के साथ ही तीनों राज्यों में दो – दो उप मुख्यमंत्री तथा विधानसभा अध्यक्ष के नामों की पर्ची भी दिल्ली दरबार से ही आई थी। स्वाभाविक है कि दिल्ली दरबार से मनोनीत की गई कठपुतलियां तो उसी तर्ज पर चलेंगी “जितनी चाबी भरी राम ने उतना चले खिलौना” ।
अब खबर आ रही है कि कठपुतली मुख्यमंत्रियों के सिपहसलारों का फैसला भी दिल्ली दरबार में तय किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को इतनी हैसियत भी नहीं बख्शी गई है कि वे अपनी पसंद की कैबिनेट चुन सकें।
मध्यप्रदेश की नई सरकार का पहला अधिवेशन 18 दिसम्बर से शुरू होने जा रहा है इसके पहले मुख्यमंत्री अपने मंत्रीमंडल का गठन करने खातिर मंत्रियों का नाम तय कराने के लिए दिल्ली दरबार में अपनी आमद दे चुके हैं। कहा जा रहा है कि तीनों राज्यों में जिस तरह मोदी के मनभावनों को मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री तथा विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी नवाजी गई है ठीक उसी तरह तीनों राज्यों में कठपुतलियों को मंत्री की कुर्सी नवाजी जाने वाली है।
सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन लोगों को दिल्ली दरबार मंत्री बनाकर राज्यों में बैठायेगा वो मुख्यमंत्री को कितना तवज्जो देंगे। वो तो यही कहेंगे “तुम भी कठपुतली हम भी कठपुतली। तुम भी वही करो जो हजूरे आला कहे हम भी वही करेंगे जो आका कहेगा” । है न “अंधेर नगरी में कठपुतली राज” ।
अश्वनी बडगैया अधिवक्ता
स्वतंत्र पत्रकार