
मासूम ध्रुव के अपहरण की सूचना के बाद से पुलिस अधिकारियों का चैन उड़ गया था। तीन आईपीएस के मार्गदर्शन में पुलिस की दस टीमें करीब 17 घंटे तक भागदौड़ करती रहीं। हालांकि बच्चा लावारिस हालत में मिल गया।
शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे लाइनपार रामलीला ग्राउंड के पास रहने वाले कलेक्शन एजेंट गौरव के बेटे ध्रुव का घर से अपहरण हुआ। गौरव ने चार बजे अपहर्ता की कॉल आने के बाद पुलिस को सूचना दी। उसके बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आईजी रमित शर्मा, एसएसपी प्रभाकर चौधरी पूरी ने घटना की जानकारी लेने के बाद बच्चे के सकुशल बरामदगी के लिए ऑपरेशन शुरू कराए। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद, एसपीआरए विद्या सागर मिश्र की टीमें भी लगी थीं। इसके अलावा मझोला, कटघर, गलशहीद, कोतवाली, पाकबड़ा थाने की पुलिस टीमों को लगाया गया। रात में ही एसओजी प्रभारी अजयपाल सिंह, मीडिया सेल प्रभारी प्रदीप मलिक और साइबर सेल की टीम भी लगाई गई। इतना ही नहीं आईजी रमित शर्मा के प्रयास से रात में ही बरेली एसटीएफ की टीम ने इंस्पेक्टर अजयपाल सिंह की नेतृत्व में मुरादाबाद में डेरा डाल दिया। सभी टीमें तड़के करीब पांच बजे तक अलग-अलग तरीके से बच्चे की तलाश में जुटी थीं।
एसपी सिटी अमित कुमार आनंद के नेतृत्व वाली टीम और एसओजी गाजियाबाद की ओर सक्रिय थी। सुबह छह बजे तक किसी को भनक नहीं लगी थी। सुबह जब अपहर्ता ने गौरव को चौथी बार कॉल किया और बच्चे को बस में बैठाने की बात कहा तो पलिस और सक्रिय हो गई। बाद में बच्चा रोडवेज बस के चालक और परिचालक को सकुशल मिला तब पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली।