अपनी-अपनी ढपली, अपना – अपना राग

खरी – अखरी

राजनीति में तनिक सा भी इन्ट्रैस्ट रखने वाले तमाम लोग 30 नवम्बर की शाम 6 बजे का इंतजार कर रहे थे कि देश के सबसे बड़े मीडिया बिजनेस ग्रुप अपने – अपने एग्जिट पोल में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में किस दल की सरकार बनते दिखा रहे हैं।

30 नवम्बर की शाम 6 बजते ही जिस तरह से बड़े मीडिया ग्रुपों ने अपने – अपने एग्जिट पोल दिखाने शुरू किए तो जैसी कि उम्मीद की जा रही थी वही सर्वे सामने आए। जहां भाजपा की गोद में बैठकर अंगूठा चूस रहे मीडिया घरानों ने भाजपा की सरकार बनने के आंकड़े दिखाए तो कुछ ने तटस्थ रहने की कलाबाजी दिखाते हुए कांग्रेस को बहुमत मिलने की बात कही है।

मगर एग्जिट पोल प्रसारित करने वाले मीडिया चैनल्स खुद अपने आप में ही कन्फ्यूजिंग दिखाई दिए। जिसका संकेत इंडिया टुडे माय एक्सिस इंडिया के वायरल हुए वीडियो में मिलता है। वायरल वीडियो में मध्यप्रदेश निवासी प्रदीप गुप्ता, राहुल और राजदीप सरदेसाई के बीच हो रही बातचीत स्पष्ट इशारा कर रही है कि न्यूज चैनल पर प्रसारित किया गया एग्जिट पोल पूर्व निर्धारित, प्रायोजित और पार्टी विशेष से ओतप्रोत है। कहा जा सकता है कि मीडिया ग्रुप खुद पर लग रहे गोदी मीडिया के ठप्पे पर ही ठप्पा लगा रहा है। मध्य प्रदेश में जिस तरह भाजपा को अविश्वसनीय सीटों के साथ सत्ता में आना दिखाया गया है वह अपने आप में हास्यास्पद है जिस पर खुद प्रसारितकर्ता ही विश्वास नहीं कर पा रहा है।

जहां मध्य प्रदेश में सत्ता पार्टी के खिलाफ जबरदस्त नकारात्मकता होने के बावजूद भाजपा को कुर्सी मिलती दिखाई गई है वहीं छत्तीसगढ़ में बैलेंस बनाते हुए सत्ता पार्टी कांग्रेस के खिलाफ नकारात्मकता दिखाई नहीं देने पर थोड़े-बहुत अंतर से कांग्रेस की फिर से ताजपोशी होना बताया जा रहा है।

जहां तक राजस्थान की बात है तो उसका एग्जिट पोल राजस्थानी परम्परा का निर्वाह करते हुए दिख रहा है। “एकबार कांग्रेस – एकबार भाजपा” । चूंकि वर्तमान में कांग्रेस सत्तारूढ़ है इसलिए अबकी बार भाजपा को बहुमत मिलने की बात कही जा रही है।

तेलंगाना में भाजपा अपनी जमीन तलाशने के लिए जद्दोजहद कर रही है मतलब भाजपा फिलहाल सत्ता से कोसों दूर है इसलिए यहां पर बीआरएस के खिलाफ दिख रही नकारात्मकता को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को बहुमत मिलने के संकेत दिखाए गए हैं।

मिजोरम की बात की जाय तो यहां पर भी भाजपा के हालात तेलंगाना की तरह ही हैं। मिजोरम में सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और विपक्षी पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के बीच थोड़ी-बहुत अंतर से सरकार बनाने की संभावना बताई जा रही है। मिजोरम में कांग्रेस को अपनी उपस्थिति दर्ज करना बताया जा रहा है जबकि भाजपा हासिये पर ही दिखाई जा रही है।

तेलंगाना में वोटिंग खत्म होते ही जिस तरह से भाजपा के प्लेटफार्म से मोदी के फोटोज गायब कर मध्यप्रदेश में भाजपाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बाकी चार राज्यों में भाजपा अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा के फोटोज दिखाई देने लगे हैं वे अपने-आप में भाजपा की डगमगाती कश्ती की ओर ईशारा कर रहे हैं।

अगर भाजपा सत्ता से दूर रहती है तो हार का ठीकरा मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और बाकी राज्यों में जे पी नड्डा के सिर फोड़ दिया जायेगा। मगर खुदा-न-खास्ता भाजपा सत्ता में आई तो गिरगिट को मात देते हुए “मीठा – मीठा गप और कडवा – कडवा थू” की तर्ज पर मोदी के फोटोज लगाने में देरी नहीं की जायेगी।

वैसे भी देश में कुछ चुनावों से एग्जिट पोल अपनी विश्वसनीयता खोते चले आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में तो एग्जिट पोल औंधे मुंह गिर चुके हैं। फिर भी चलिए इंतजार करते हैं रविवार का देशी कहावत – “न नाक दूर न हंसिया” को देखने के लिए।

अश्वनी बडगैया अधिवक्ता
स्वतंत्र पत्रकार

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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