
पुस्तक मेले में जाने का परम लाभ यह
हुआ कि निखिल प्रकाशन के स्टाल पर
प्रसिध्द गीतकार 81वर्षीय डा0 रामेन्द्र त्रिपाठी जी से भेट / घनिष्ठ परिचय हुआ । पुरानी यादें ताजा हुईं ।
जब हम बुलन्दशहर में सिटी मजिस्ट्रेट थे तो राजकीय नुमाइश एवं विकास प्रदर्शनी के प्रभारी थे तो हमने अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में उन्हें बुलाया था और लिफाफा भी दिया था , यह बात स्वयं श्री त्रिपाठी जी ने ही याद दिलाई । लगभग दो घण्टे का समय उनके साथ पुस्तक मेला में घूमते हुए / बात करते हुए सानन्द बीता ।