साइबर डिफेन्स पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया

सिंदरी महाविद्यालय सिंदरी में साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन तथा महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में साइबर डिफेन्स पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया ।
धनबाद
सिंदरी (घनबाद)25 नवम्बर । आज जिस द्रुत गति से विकास की ओर अग्रसर है वैसे में प्रतिपक्षी शक्तियां भी सक्रिय होकर विकास को अवरुद्ध करने एवं देश को अस्थिर करने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही हैं । ऐसे में देश को देश की विभिन्न संस्थाओं की सुरक्षा के लिए 11 लाख से ज्यादा साइबर योद्धाओं की आवश्यकता है।
उपर्युक्त विचार व्यक्त करते हुए साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन के अध्यक्ष शशांक शेखर गरुड़यार ने छात्र एवं छात्राओं से सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने की अपील की। वे आज सिन्दरी महाविद्यालय सिन्दरी में साइबर विद्यापीठ फाउंडेशन तथा महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित साइबर डिफेंस पर एक दिवसीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर कमलाकांत पाठक की अध्यक्षता में आयोजित इस संगोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री गुरुड़यार ने महाभारत एवं रामायण काल की पौराणिक कथाओं से लेकर देश की पराधीनता के काल से विभिन्न उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि बीतते समय के साथ युद्ध की रीति और नीतियां भी बदलती रही हैं ।आज के समय में भौतिक एवं सामरिक युद्धों के अलावा मानसिक एवं विकृत सूचनाओं के द्वारा भी युद्ध लड़े जा रहे हैं ।आज की तिथि में प्रतिपक्षी शक्तियों द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों की सूचनाओं को एकत्रित कर उन्हें विघटित करने एवं प्रतिपक्षी शक्तियों की अस्थिर करने की घटनाओं में भी दिनानुदिन वृद्धि देखी जा रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एवं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन पर हुए साइबर हमले का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि प्रतिपक्षी शक्तियां इन साइबर हमले के द्वारा एकत्रित सूचनाओं का विश्लेषण कर किस प्रकार उनका देश के खिलाफ उपयोग कर सकती हैं इस पर अहर्निश कार्य कर रही है । एकत्रित सूचनाओं को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर प्रतिपक्षी शक्तियों द्वारा जिस तरह से देश की सामाजिक राजनीतिक एवं आंतरिक स्थितियों के विषय में भ्रामक आख्यान गढ़े जा रहे हैं वैसे में आवश्यक है की आने वाली पीढ़ी साइबर हमले के खतरे के प्रति न केवल सचेत रहे बल्कि इन खतरों को रोकने तथा देश के महत्वपूर्ण संस्थानों की रक्षा के लिए भी आवश्यक कौशल से युक्त रहे। इसलिए आज देश में साइबर योद्धाओं की बड़ी संख्या में जरूरत है।
साइबर डिफेंस के क्षेत्र में नियोजन की अपार संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार मोबाइल विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तथा ईमेल के जरिए वैयक्तिक सूचनाऐं एकत्र की जा रही हैं जिससे सावधान रहनी की आवश्यकता है।
प्रारंभ में प्रोफेसर अनिल आशुतोष ने अतिथियों का स्वागत किया एवं प्राचार्य डॉक्टर पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र तथा टेबल टेनिस के भूतपूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी श्री गौतम चौरसिया के अलावा प्रोफेसर अत्ताउल्लाह मलिक, डॉक्टर विशु मेघनानी,डॉक्टर शर्मिष्ठा आचार्य , डॉक्टर ममता कुमारी,डॉ सनत कुमार, डॉक्टर सुमिरन कुमार रजक, डॉ नीतू गौरव, डॉक्टर अनुराधा दास डॉक्टर राजेश गुप्ता सहित सभी शिक्षक एवं शिक्षित उत्तर कर्मचारी उपस्थित थे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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