ध्यान साधना के माध्यम से न जाने कितने मनुष्यों के जीवन को विषाद रहित कर आनंद पथ की ओर अग्रसित किया

परम पूज्य सद्गुरु अपने प्रवचनों तथा ध्यान साधना के माध्यम से न जाने कितने मनुष्यों के जीवन को विषाद रहित कर आनंद पथ की ओर अग्रसित किया

वाराणसी

अत्यंत आनंद का विषय है कि परमपूज्य सदगुरु ऋतेश्वर पीठाधीश्वर आनंदम धाम पीठ वृन्दावन का शुभ आगमन आज काशी में हुआ है।
सदगुरु द्वारा लाडली निकुंजवन श्री आनंदम धाम की स्थापना की गई है जो मुख्यतः श्री धाम वृंदावन से संचालित संस्थान है। एक और जहां आज पूरा वृंदावन दिल्ली मुंबई बनने की ओर अग्रसित है वहीं लाडली निकुंज वन में आप वही श्री कृष्ण का ब्रज का दर्शन कर पाने में आज भी सक्षम है सदगुरु के पहां 5000 वर्ष पुराने वृंदावन की इझलक मिलेगी। यहां प्रतिदिवस 2100 दीपकों की माला से ठाकुर गोधूली बिहारी जी की नित्य भव्य आरती पूजन होती है।
परमपूज्य सदगुरु श्री अपने प्रवचनों तथा ध्यान साधना के माध्यम से न जाने कितने मनुष्यों के जीवन को विषाद रहित कर आनंद पथ की ओर अग्रसित किए हैं। सदगुरु स्ट्रेस फ्री लाइफ तथा ब्लिसफुल लाइफ मैनेजमेंट लोगों के जीवन में उतारकर बड़े ही सरल और सहज माध्यम से भाईचारा और विश्वशांति
की भावना को प्रतिपादित करना चाहते है।
छत्तीसगढ़ राजस्थान मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश सदगुरु की कर्मभूमि रही जहां अनेक गौशाला आश्रम बने है।
वासुदेव कुटुम्बकम की भावना निहित है।
इन सब बातों की गम्भीरता और दूरदर्शी चिंतन को बनाये रखने के लिए आयोजको ने सद्गुरु श्री रिटेश्वरजी का प्रेस से संवाद का यह आयोजन किया है।
आयोजक डॉ अशोक राय
काशी प्रान्त अध्यक्ष बी जे पी
डॉ कर्म राज सिंह
अस्थिशल्य विशेषज्ञ
ओमेगा प्लस हॉस्पिटल

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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