बिजली चोरी में अधिशासी अभियंता के फर्जी हस्ताक्षर कर न्यायालय में केस समाप्त करने का पत्र भेजा

बिजली चोरी में अधिशासी अभियंता के फर्जी हस्ताक्षर कर न्यायालय में केस समाप्त करने का पत्र भेजा।
मैनपुरी बिजली चोरी के केस में अधिशासी अभियंता द्वितीय आशीष गुप्ता के फर्जी हस्ताक्षर कर के समाप्त करने का पत्र न्यायालय में भेजने पर न्यायाधीश ने अधिशासी अभियंता से मांगा स्पष्टीकरण ।
घटना दिनांक 18 नवंबर 2020 की है ओमप्रकाश अवर अभियंता ने इरशाद अली पुत्र अशफाक अली निवासी चितायन के यहां चेकिंग की थी उसे पर विद्युत का बिल 15765 रुपए बकाया होने पर 14 सितंबर 2020 को कनेक्शन काट दिया गया था पुनः 18 नबम्बर 20 को चेकिंग के दौरान इरशाद अली बिना विद्युत का बिल जमा किए अपना कटा हुआ कनेक्शन अवैध रूप से जोड़कर चलते हुए पाया इसकी रिपोर्ट एंटी थेफ्ट पावर मैनपुरी में दर्ज की विवेचना के बाद आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया गया इरशाद अली पर विद्युत चोरी का राजस्व निर्धारण 14969 रुपए और सामान शुल्क ₹2000 जमा करने का पत्र भेजा गया था इरशाद अली अपने पुत्र के साथ अधिशासी अभियंता खंड कार्यालय आशीष गुप्ता के उपस्थित हुआ वहां पर कमरा नंबर 7 में बैठे सहायक अभियंता राजस्व राजेंद्र सिंह ने 14669 रुपए का विद्युत का बिल रिवाइज संशोधन करते हुए 3206 जमा कराए और शमन ₹2000 लिया जबकि इरशाद अली के पुत्र से 14000 रुपए लिए गए थे ₹3206 और ₹2000 लेकर उपरोक्त के समाप्त करने के लिए 30 अक्टूबर 2023 को माननीय न्यायालय में आशीष गुप्ता अधिशासी अभियंता की स्टैंप लगाकर राजेंद्र सिंह सहायक अभियंता राजस्व ने अपने हस्ताक्षर करके न्यायालय में भेज दिया जिस पर न्यायाधीश ने आशीष गुप्ता के हस्ताक्षर को पहचानते हुए के अधिशासी अभियंता आशीष गुप्ता के हस्ताक्षर नहीं है आशीष गुप्ता से स्पष्टीकरण मांगा आशीष गुप्ता ने माननीय न्यायालय को स्पष्टीकरण दिया कि सहायक अभियंता राजेंद्र ने बिल का संशोधन बिना उनकी अनुमति से किया है और मेरी बिना अनुमति के मेरी स्टैंप लगाकर अपने हस्ताक्षर किए हैं जो कि उनके क्षेत्र अधिकार के अंतर्गत नहीं आते हैं उनके उनपर विधिक कार्रवाई करने को भी कहा राजेंद्र सहायक अभियंता ने आशीष गुप्ता के फर्जी हस्ताक्षर करके माननीय न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश की है जो की बहुत बड़ा अपराध है तथा इरशाद अली के पुत्र से ₹14000 लेकर मात्र ₹5000 की राशि दे गई है यह उनके द्वारा अवैध रुपए की बसूली की गई है स्पष्टीकरण में यह बात नहीं लिखी गई है कि इरशाद अली द्वारा समस्त धनराशि जमा कर दी है या उसे पर कोई कृपया बकाया है उपरोक्त पत्रावली 9 दिसंबर 2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत में पेश करने के लिए कहा गया

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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