
आज ही के दिन ब्राह्मण वीर बाजीराव पेशवा बलाड़ भटट जी! ने मुग़ल बादशाह फरुखसय्यर को गुलाम बनाकर दिल्ली पर भगवा झण्डा फेहराया था।
12 नवम्बर 1736 को शनिवारवाड़ा से राजे बाजीराव दिल्ली के लिए निकले । 10 दिन का सफर बिना रुके 3 दिन और 2 रात में पूरा किया। यह इतिहास का सबसे तेज आक्रमण था।
14 नवम्बर को दिल्ली के तालकटोरा (स्टेडियम) में उन की सेना रुकी। वहां पर होल्कर की फ़ौज बाजीराव की फ़ौज से मिल गयी। हमला इतना तेज था की मुग़ल 12000 से ज्यादा सैनिक इकठा ना कर पाये।
बाजीराव 200 सैनिक लेकर महल पर चढ़ गया और हज़ारों सैनिकों को धूल चटा कर भारत से मुगल साम्राज्य का झण्डा झुका कर हिंदवी साम्राज्य ला दिया।
बाजीराव हमेशा कहता था दिल्ली तो जीत कर रहूंगा। उसने वो कर दिखाया। मात्र 20 साल की उम्र में बाजीराव ने मुग़लों को हरा दिया । बाजीराव इतिहास का सबसे बड़ा योद्धा और सम्राट बनता। पर मात्र 40 वर्ष की आयु में उसकी मौत से दुनिया ने एक शेर योद्धा खो दिया।
जय परशुराम। जय पेशवा बलाड़ भट्ट जी।