कमरे के अन्दर रखी अलमारी में निकला ज़हरीला कोबरा सांप !
आगरा के मुरेंडा गाँव स्थित एक घर के अन्दर रखी अलमारी में 4 फुट लंबा कोबरा सांप दिखने से परिवारजन दहशत में आ गए। विषैले कोबरा को वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने सुरक्षित रूप से पकड़ा और बाद में अपने प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया।

रुनकता के पास स्थित मुरेंडा गांव में रहने वाले एक परिवार के लिए गुरुवार की दोपहर काफी चौकाने वाली रही, जब उन्होंने अपने घर में एक चार फुट लंबे विषैले कोबरा सांप को देखा! कोबरा लिविंग रूम में रखी अलमारी के अन्दर घुसा बैठा था। घबराए हुए परिवारजनों ने तुरंत घटना की सूचना आपातकालीन हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर वाइल्डलाइफ एसओएस को दी।
एनजीओ की दो सदस्यीय टीम आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ स्थान पर पहुची। यह सुनिश्चित करने के बाद कि परिवारजन सांप एवं अलमारी से सुरक्षित दूरी पर हैं, टीम ने सावधानी से कोबरा को अलमारी से बाहर निकाला और उसे सुरक्षित रूप से कपड़े के बैग में स्थानांतरित कर दिया। बचाव अभियान चलाने में करीब 30 मिनट का समय लगा।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी, ने कहा, “हमें खुशी है कि अधिक से अधिक लोग मामलों को अपने हाथों में लेने के बजाय मदद के लिए ऐसी घटनाओं की सूचना हमारे हेल्पलाइन नंबर पर दे रहें हैं। मॉनसून में साँप के दिखने की संभावना बढ़ जाती है, हमारी टीम चौबीसों घंटे काम करती हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सहायता के लिए आई कोई भी कॉल अनुत्तरित ना जाए। ”
वाइल्डलाइफ एसओएस के सीईओ और सह-संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “भारत में पाए जाने वाले चार सबसे विषैले सांप प्रजातियों में से एक होने के कारण, हमारी टीम को इस बचाव अभियान के समय बहुत सावधानी बरतनी पड़ी। कभी-कभी ऐसे बचाव अभियान खतरनाक और जोखिम भरे हो सकते हैं, इसलिए हमारी टीम को वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण और इस तरह के संवेदनशील ऑपरेशनों को कुशलतापूर्वक संभालने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ”
कोबरा को कुछ घंटों के लिए निगरानी में रखा गया और बाद में उसे वापस जंगल में छोड़ दिया गया।
भारत, कोबरा सांप और कॉमन क्रेट जैसे बेहद विषैले सांपों से लेकर कॉमन सैंड बोआ, रेड सैंड बोआ, वुल्फ स्नेक और रैट स्नेक जैसे कई तरह के गैर-विषैले सांपों की प्रजातियों का घर है। अक्सर खतरनाक मानकर लोग इन सांपो से भयभीत हो जाते हैं, जिसके कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढती हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस इन गलत धारणाओं को कम करने और लोगों के मन में जंगली जानवरों के प्रति संवेदनशीलता बढाने के लिए, शिक्षा, जागरूकता और सकारात्मक तरीकों का उपयोग करके मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के इरादे के प्रति काम करता है।