
एटा, । एक-एक वर्ष तक बैंकों के चक्कर लगाने के बाद भी युवाओं को रोजगार लगाने के लिए पैसा नहीं मिल पा रहा है। कुछ लोगों ने थक-हार कर पैरवी करना ही बंद कर दिया। इस वित्तीय वर्ष में उद्योग लगाने के लिए 48 युवाओं के आवेदन स्वीकार हुए थे। यह लोग बैंक से पैसा लेकर अपना काम शुरू सकते हैं।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से आवेदन मांगे गए थे। आवेदन आने के बाद उद्योग लगाने वाले युवाओं के आवेदन पत्रों को देखकर 48 युवाओं के आवेदन पत्रों का चयन किया गया। जो युवा अपने पसंद का उद्योग लगाना चाहता था, उसके हिसाब से बैंकों को आवेदन भेज दिए गए। अधिकांश आवेदक 10 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये की लागत से चलने वाले उद्योग लगा रहे थे। इन आवेदनों को संबोंधित बैंकों के पास भेज दिया गया। 20 से अधिक आवेदकों को बैंकों से पैसा ही नहीं दिया गया। यह लोग बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। छह माह से अधिक का समय होने के बाद भी इन लोगों को पैसा नहीं मिल सका। अब कुछ ने तो यह मन बना लिया कि पैसा नहीं मिलेगा। अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी उन्हें पैसा नहीं मिल सका।
यह भी है आदेश
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एटा। सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि अगर कोई आवेदक दस लाख रुपये तक का लोन लेता है तो उसकी प्रॉपर्टी को बंधक नहीं बनाया जाए। अधिकांश बैंकें सरकार के इस आदेश का सही से पालन नहीं कर रहे। आवेदक के पास अगर बंधक बनाने के लिए प्रॉपर्टी नहीं है तो बैंकें पैसा नहीं दे रही है। इससे युवा परेशान है।
परोली सुहागपुर की केनरा बैंक में आवेदन पहुंचा था। 15 लाख रुपये की मांग की थी। हम अपना मिठाई बनाने का कारोबार करना चाह रहे थे। बैंक ने लोन स्वीकृत नहीं किया। वह प्रॉपर्टी के कागज मांग रहे थे। हमारे पास जमीन नहीं थी। दस लाख रुपये तक ही स्वीकृत करने के लिए कहा। वह भी नहीं हो सका। अब बैंक में जाना बंद कर दिया।
- संजीव कुमार निवासी नगला सपडिल, जैथरा
जिम खोलने के लिए उद्योग केंद्र में आवेदन किया था। उन्होंने अपनी फाइल एसबीआई मारहरा में भेज दी है। पिछले माह से बैंक में जाकर पूछ रहे हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा है। अभी पैसा ही नहीं मिला। ऐसे में हम अपना कारोबार शुरू नहीं कर पा रहे हैं। यह समय काम करने के लिए अच्छा चल रहा है।
- विनय कुमार निवासी मोहल्ला कंम्बोह, मारहरा
जिन युवाओं के आवेदनों पर पैसा नहीं मिल सका है। उन बैंकों से बात करेंगे। अगर इसके बाद भी लोन नहीं दी जाएगी तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे। इससे आवेदकों को पैसा मिल सके।
- प्रेमकांत, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र