अभिमुखीकरण (Orientation) कार्यकर्म का आयोजन कर अभियान को सफल बनाने हेतु दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश


_____________________


एटा–एडीजी आगरा जोन आगरा महोदया के निर्देशन में महिलाओं एवं बालिकाओं की जागरूकता व स्वावलंबन एवं उनके प्रति होने वाले अपराधो में कमी लाने हेतु चलाए जा रहे “ऑपरेशन जागृति” अभियान के तहत जिलाधिकारी एटा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा की मौजूदगी में पुलिस लाइन स्थित बहुउद्देशीय हाल में जनपद के सभी विभागध्यक्षों के साथ “यूनिसेफ(UNICEF)” के सौजन्य उनके प्रतिनिधियों द्वारा से अभिमुखीकरण (Orientation) कार्यकर्म का आयोजन कर अभियान को सफल बनाने हेतु दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश।


आज दिनांक 08.11.2023 को
एडीजी आगरा जोन आगरा महोदया के निर्देशन में महिलाओं एवं बालिकाओं के जागरूकता व स्वावलंबन एवं उनके प्रति होने वाले अपराधो में कमी लाने हेतु चलाए जा रहे “ऑपरेशन जागृति” अभियान के तहत जिलाधिकारी एटा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा की मौजूदगी में पुलिस लाइन स्थित बहुउद्देशीय हाल में जनपद के सभी विभागध्यक्षों के साथ “यूनिसेफ” के सौजन्य से अभिमुखीकरण (Orientation) कार्यकर्म का आयोजन किया गया। जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा, अपर पुलिस अधीक्षक एटा एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधियों द्वारा समस्त विभागाध्यक्षों से वार्ता कर “ऑपरेशन जागृति” के उद्देश्य, विशेषताएं एवं विभागवार दायित्वों, के बारे में चर्चा की गई, एवं अभियान को सफल बनाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी एटा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया, तदोपरांत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा द्वारा ऑपरेशन जागृति के उद्देश्य एवं विशेषताओं पर अपने विचार रखते हुए समस्त विभागध्यक्षों को अभियान को सफल बनाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा द्वारा कहा गया कि
अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन आगरा के निर्देशन में ऑपरेशन जागृति “Intensive community Outreach For Empowering Women and Girls for Safety and Awareness” कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान में आगरा एवं अलीगढ मण्डल के सभी जनपदों के शहर से गाँव स्तर तक निम्नांकित stakeholders के आपसी समन्वय से ऑपरेशन जागृति कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है जिसमें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन०आर० एल०एम०). महिला एवं बाल विकास, बाल विकास एवं पुष्टाहार (आई०सी०डी०एस०). युवा एवं खेल विभाग, सकिय NGOS, मनोवैज्ञानिक / काउंसलर्स / UNICEF (चीफ कोर्डिनेटर), पुलिस विभाग उक्त कार्यक्रम हेतु UNICEF द्वारा, पूरी कार्ययोजना तैयार की गयी है एवं सम्बन्धित विभागों की भूमिका को भी विस्तृत तौर पर परिभाषित किया गया है।
कार्यक्रम में यूनिसेफ के प्रतिनिधियों द्वारा एक लघु फिल्म के माध्यम से कार्य योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि महिला एवं बालिकाओं सम्बंधी अपराध की घटनाएं जोन स्तर पर विभिन्न माध्यम से जनसुनवाई में प्राप्त शिकायती प्रार्थना-पत्र एवं दैनिक अपराध आख्या से देखने को मिलती है जहाँ एक ओर यह स्थिति महिलाओं एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को कम्प्रोमाइज करती है, वही अक्सर पारिवारिक विवाद / पारस्परिक भूमि विवाद का यथोचित समाधान नहीं दिखने पर अपराधिक घटनाओं में महिला सम्बन्धी अपराधों को जोड़ने की प्रवृत्ति भी सामाजिक रूप से देखने को मिल रही है। संक्षेप में कई अन्य प्रकरणों में ऐसी घटनायें दर्ज करा दी जाती हैं, जिनको बाद महिला एवं बालिकाओं संबन्धी अपराधों की श्रेणी में परिवर्तित कर दिया जाता है जबकि मूलतः यह पारिवारिक और भूमिविवाद संबन्धी होती है।
दूसरी ओर, वास्तविक रूप से महिलाओं एवं बालिकाओं के विरूद्ध जो अपराध होते हैं, उनमें बलात्कार शीलभंग जैसे संगीन मामलों में प्रताड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं की मनोस्थिति काफी हद तक प्रभावित होती है और पीड़िता के जीवन में उस घटना का ट्रॉमा और भय सदैव के लिए बस जाता है। उक्त मानसिक आघात से उमरने के लिए पीड़िता का मनोवैज्ञानिक परामर्श की भी आवश्यकता होती है।
एक अन्य प्रकार का ट्रेंड जो सामने आ रहा है, उसमें नाबालिग उम्र में बालिकायें लव अफेयर, Elopement, Live in relationship जैसे सेनेरियो में फँस जाती हैं और किन्ही कारणों से उनको समझौता करना पड़ता है। कई बार बालिकायें अपनी सहमति से भी बिना सोचे समझे चली जाती है। साथ ही साथ बदनामी के भय से ऐसा संत्रास झेलना पड़ता है, जिसके कारण वह ऐसी स्थिति से निकलने में अपने आपको अक्षम महसूस करती है। परिवार में आपसी संवादहीनता और अभिभावकों से डर के कारण बालिकाए अपनी बात कह नहीं पाती है। इसके अतिरिक्त आज तकनीक के दुरूपयोग के चलते महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति साइबर बुलिंग के मामले भी सामने आ रहे है। इन सभी परिस्थितियों में सामाजिक जागरूकता, संवाद शिक्षा और परामर्श (counselling/support) की बेहद आवश्यकता है ताकि महिलायें एवं बालिकायें इस प्रकार के षड़यंत्रों का शिकार न बने भावनाओं में बहकर अपना जीवन बर्बाद न करें और उन्हें मौहरा बनाकर जमीनी विवादों का समझौता ( settlement) न किया जाये। यदि वास्तव में उनके साथ किसी प्रकार का अपराध घटित होता है तो वह सच बोलने की हिम्मत रख पाये और विधिक कार्यवाही के साथ-साथ उनको counseling/support और rehabilitation का मौका मिल सके। इन परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन आगरा के निर्देशन में “ऑपरेशन जागृति” कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान में आगरा एवं अलीगढ मण्डल के सभी जनपदों के शहर से गाँव स्तर तक निम्नांकित stakeholders के आपसी समन्वय से ऑपरेशन जागृति कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है जिसमें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन०आर० एल०एम०). महिला एवं बाल विकास, बाल विकास एवं पुष्टाहार (आई०सी०डी०एस०). युवा एवं खेल विभाग, सकिय NGOS, मनोवैज्ञानिक / काउंसलर्स / UNICEF (चीफ कोर्डिनेटर), पुलिस विभाग उक्त कार्यक्रम हेतु UNICEF द्वारा आगरा जोन के दिशा निर्देशन में पूरी कार्ययोजना तैयार की गयी है एवं सम्बन्धित विभागों की भूमिका को भी विस्तृत तौर पर परिभाषित किया गया है।
उनके द्वारा बताया गया की प्रथम चरण में 03 माह तक आपरेशन जागृति को संचालित किया जायेगा जिसके तहत महिलाओं बालक / बालिकायें एवं उनके अभिभावकों को मनोवैज्ञानिको काउंसलर्स द्वारा संवाद स्थापित किया जायेगा 03 माह बाद Impact assessment का भी अध्ययन किया जायेगा। जनपद स्तर पर इसके नोडल अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक एवं जिला विकास अधिकारी होगें ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारी क्षेत्राधिकारी एवं BDO होगे। ग्राम पंचायत / थाना स्तर पर नोडल अधिकारी सम्बन्धित थाना प्रभारी एवं ADO पंचायत होगें जिनके द्वारा पचायतों के लेवल पर महिला बीट अधिकारी, सैल्फ हेल्प ग्रुप UNICEF एंव अन्य विभागों से समन्वय से धरातल पर उतारा जायेगा।
आपरेशन जागृति के सफल संचालन के उपरान्त आगरा जोन के जनपदों में महिलाओं / बालिकाओं के प्रति अपराधों में कमी आयेगी, False Reporting मे कमी आयेगी, कांउसलिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम मजबूत होगा, Elopement के मामलों में भी कमी आयेगी।

कार्यशाला में निम्नाकित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
1 – पुलिस विभाग-समस्त अपर पुलिस अधीक्षक / समस्त क्षेत्राधिकारी एवं प्रभारी विशेष किशोर पुलिस इकाई, एवं अन्य पुलिस बल
2 -विकास विभाग- जिला विकास अधिकारी, एटा
3 – शिक्षा विभाग- जिला विद्यालय निरीक्षक, एटा।
4 -चिकित्सा विभाग- सीएमओ, एसीएमओ (ट्रेनिंग), DY. CMO राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यकम एवं समस्त MOIC (PHC/CHC)
5 – एन०आर०एल०एम०- डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, समस्त मिशन मैनेजर एवं समस्त ब्लॉक मिशन मैनेजर।
6 – एन० वाई०के०एस (नेहरू युवा केन्द्र)- डिस्ट्रिक्ट कार्डिनेटर।
7 -एन०एस०एस० – डिस्ट्रिक्ट कार्डिनेटर।
8 – महिला एवं बाल विकास- जिला परिवीक्षा अधिकारी, महिला कल्याण अधिकारी (MSK)
9 -पंचायतीराज विभाग- DPRO
10 -आई०सी०डी०एस- डी०पी०ओ०
11 – समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं सहायक विकास अधिकारी
12 -जिला विधिक सेवा प्राधिकरण-सचिव महोदय व्दारा नामित अधिकारी।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× अब ई पेपर यहाँ भी उपलब्ध है
अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks