उपभोक्ता फोरम न्यायालय में जिंदा वादी को मृत दिखते हुए पत्रवली समाप्त की गई

उपभोक्ता फोरम न्यायालय में जिंदा वादी को मृत दिखते हुए पत्रवली समाप्त की गई।
मैनपुरी,वादी न्यायालय में उपस्थित हो कर अपने को जिंदा बताया।
मैनपुरी जिला उपभोक्ता फोरम मैनपुरी कि न्यायालय में श्यामवीर सिंह यादव निवासी जसवंतपुर पोस्ट सागोनी जिला मैनपुरी के द्वारा एक बार दायर किया गया था उसे कैसे का निर्णय उसके पक्ष में होने के बाद फार्म के आदेश के अनुपालन भी कराया जा रहा था इस बीच विपक्षी रामनरेश यादव निवासी जसवंतपुर की मृत्यु हो जाने के बाद तहसीलदार एवं लेखपाल की रिपोर्ट माननीय न्यायालय उपभोक्ता फोरम में दाखिल की गई जिस पर उपभोक्ता फोरम के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चंद्र कुलश्रेष्ठ ने विपक्षी रामनरेश यादव को मृत ना बताते हुए श्यामवीर सिंह यादव वादी मुकदमा को व्रत बताते हुए दिनांक 18-7-2022 को पत्रावली समाप्त कर दी गई मामला इस तरह से है कि श्यामवीर सिंह यादव निवासी निवासी जसवंतपुर तहसील मैनपुरी ने राम नरेश यादव से एट लेने के लिए ₹100000 नगद दिया था जिस पर रामनरेश यादव द्वारा श्यामवीर सिंह यादव को ना तो ईट दी गई और ना ही ₹100000 दिया गया जिस पर राम श्यामवीर सिंह यादव ने माननीय जिला उपभोक्ता न्यायालय में 13.2 2015 को मुकदमा पंजीकृत कराया जबकि श्यामवीर सिंह यादव विद्युत विभाग में क्लर्क के पद पर मैनपुरी में तैनात थे श्यामवीर सिंह यादव के पक्ष में दिनांक 22 6 2015 को जिला उपभोक्ता फॉर्म में यह निर्णय दिया था कि ₹100000 6% वार्षिक ब्याज से बर्बाद प्रस्तुत होने की दिनांक से अदा करें तथा मानसिक और शारीरिक कष्ट हेतु 3000 और ₹2000 का भुगतान करने का भी आदेश दिया था इस न्यायालय के आदेश के अनुपालन में दिनांक 24 जुलाई 2015 को श्यामवीर सिंह यादव द्वारा 135500 की वसूली के लिए जिलाधिकारी मैनपुरी वह तहसीलदार के माध्यम को माध्यम बनते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने आरसी जारी की थी जिसमें विपक्षी रामनरेश यादव की जमीन की नीलामी भी की गई और सर्किल रेट से नीलामी कम होने के कारण व निरस्त भी कर दी गई 19 फरवरी 2020 को क्षेत्रीय अमीन स्वदेश राठौर ने तहसीलदार को यह कहकर रिपोर्ट दाखिल की की रामनरेश यादव उपरोक्त कैसे काफी अच्छी है जिसकी मृत्यु हो गई है इस कारण से वसूली होना संभव नहीं है जिस पर माननीय सुभाष चंद्र सुबह कुलश्रेष्ठ ने पत्रावली का बिना अवलोकन करते हुए ना कोई रिकार्ड देखा और रामनरेश की मृत्यु होने की बजाय श्यामवीर सिंह यादव की मृत्यु बताते हुए उपरोक्त पत्रावली अवैध करते हुए दफ्तर दाखिल कर दी गई श्यामवीर सिंह यादव जो मुकदमे कबड्डी था उसके पास किसी प्रकार का कोई न्यायालय का मैसेज ना होने पर और ना ही कोई तारीख पड़ने पर वह परेशान हो गया कुछ दिन बाद जब उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से पत्रावली का अवलोकन किया तो देखकर वह परेशान हो गया कि आश्चर्यचकित हो गया कि उसे तो माननीय जिला उपभोक्ता फोरम ने मृत घोषित कर दिया है उसने अधिवक्ता देवेंद्र सिंह कटारिया जो उसके पूर्व देवता थे उनके संपर्क करने के बाद माननीय न्यायालय में प्राचीन बात दाखिल किया गया जिसमें उसने बताया कि मेरा स्थानांतरण मैनपुरी से शिकोहाबाद हो गया है इस कारण से मैं उपरोक्त केस में उपस्थित नहीं हुआ था और मैं आज जिंदा खड़ा हूं मैं मर नहीं हूं मेरा कोई करने का रिकॉर्ड पत्रावली पर नहीं है पूर्व अध्यक्ष सुभाष चंद्र कोशिश ने किस आधार पर मुझे अमृत घोषित कर दिया इसलिए 18 जुलाई 2022 को जो आदेश किया गया है उसे निरस्त करते हुए श्याम विपक्षी रामनरेश के पुत्र कोतवाल सिंह राजबहादुर यदुनाथ सिंह विनोद कुमार सुनील कुमार से मेरे रूपों की वसूली कराई जाए जिस पर मौजूदा अध्यक्ष जिला उपभोक्ता फोरम बृजभूषण पांडे और नितिका दास सदस्य गण ने श्यामवीर सिंह यादव का बात स्वीकार करते हुए दिनांक 18 नवंबर 2023 मूल पत्रावली के साथ रिकॉर्ड पेश करने के लिए आदेश किया गया

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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