
एटा,सामाजिक न्याय के नाम पर सभी के द्वारा सवर्ण उपेक्षा सरासर अन्याय। अरुण दीक्षित एटा 5 नवम्बर,सामाजिक चेतना मंच एवम ब्रह्म समाज एकता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण दीक्षित ने समिति कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता में कहा कि,हमारे पावन ग्रंथ भगवत गीता के अनुक्षेद 4 के श्लोक नंबर 13 में स्वयं ईश्वर ने स्पष्ट किया है, कि मनुष्य के कार्य एवम गुणों के आधार पर मेने स्वयं समाज को ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य,एवम शुद्र के रूप में वर्गीकृत किया है, और इसी के आधार पर हमारी संवैधानिक व्यवस्था में हमारा समाज सवर्ण वर्ग,पिछड़ा वर्ग,एवम अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग,तथा अल्प संख्यक वर्ग के रूपमे परिभाषित है। श्री दीक्षित ने कहा कि, आजके सामाजिक परिदृश्य में इन चारो वर्गो में ही अमीर,गरीब ,शिक्षित ,अशिक्षित, शोषित ,पोषित, गुणी ,अबगुनी,लोग मौजूद है,परंतु,संवैधानिक तौर पर केवल सवर्ण वर्ग को छोड़ कर अन्य सभी वर्गो के लोगो के उत्थान के लिए शासन स्तर पर कल्याण बोर्ड एवम आयोग गठित है,जिसके कारण दिनों दिन सवर्ण की स्थिति अतियंत खराब होती जारही है,जो अत्यंत चिंता का विषय है। श्री दीक्षित ने आगे कहा कि,वर्तमान में देश की राजनीति में अपनी,अपनी स्वार्थ साधना में जातिगत जनगणना का भूत उछाल कर देश को जातीय संघर्ष की ओर लेजाने का प्रयास किया जा रहा है,हमे जातिगत जनगणना सेकोई आपत्ति नही है,आपत्ति है,तो इस बात पर कि,इसे जातीय संघर्ष की स्थित में लाया जा रहा है, और सभी के द्वारा पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक वर्ग,एवम अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की बात तो की जारही है,परंतु सवर्णों के संबंध में कोई चर्चा नहीं कर रहा है,जिससे सवर्ण वर्ग की समाज में उपस्थिति पर ही प्रश्नचिन्ह लग रहा है,इस प्रकार सामाजिक न्याय के नाम पर सभी के द्वारा सवर्ण वर्ग की उपेक्षा सरासर अन्याय है,जो आदर्श समाज की स्थापना पर एक प्रश्न चिन्ह है,जिसमे आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री जगन रेड्डी ने तो ,सवर्ण वर्ग की उपेक्षा में अपनी केविनेट में एक भी सवर्ण वर्ग का उप मुख्यमंत्री या मंत्री न बनाकर उपेक्षा की सारी सीमाएं ही तोड़ दी है,जो अत्यंत निंदनीय है। श्री दीक्षित ने कहा कि,मेने अपने सामाजिक संगठन के बैनर पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को इस संबंध में,प्रस्ताव प्रदान कर तत्काल प्रभाव से केंद्र एवम राज्य स्तरों पर सामाजिक समरसता के लिए,सवर्ण कल्याण बोर्ड एवम सवर्ण आयोग के गठन का अनुरोध किया है,जिसके संबंध में,विगत 13 अक्टूबर को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन श्रीबी, एल,संतोष जी को पुनः इस संबंध में एक स्मृति पत्र प्रस्तुत कर इस विषय परगहन चर्चा,की गई है, और बड़े हर्ष का विषय है, कि हमारे प्रस्ताव पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अत्यंत गंभीर है,जिससे स्पष्ट है, कि आजके राजनेतिक परिदृश्य में केवल भाजपा ही ऐसा राजनेतिक दल है, जोचारो वर्गो को एक साथ लेकर सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास की धारणा के साथ समाज में पूर्ण रूपसे,सामाजिक समरसता लाने का कार्य कर रही है