आमीरों को बैंक द्वारा राहत और गरीबो से जबरन वसूली मार-पीट

छत्तीसगढ़ के रायपुर से प्रवीण शर्मा की रिपोर्ट

बैंक की गुंडागर्दी के खिलाफ कर्ज मुक्त भारत अभियान की टीम ने किया धरना प्रदर्शन ||
आमीरों को बैंक द्वारा राहत और गरीबो से जबरन वसूली मार-पीट |
पुलिस वाला या कोई अधिकारी जल्दी कोई शिकायत लिखने को तैयार नही |

बैंक द्वारा गुंडे बदमाशों को अनाधिकृत रूप से नियुक्ति कर डराने धमकाने एवं गैर कानूनी ढंग से वसूली करने का काम सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के नाक के नीचे खुले तौर पर किया जा रहा है |
आम जनता का गुस्सा फूटा लोग हुये संगठित ||

NBFC कंपनी एवं प्राइवेट बैंकों की मनमानी एवं दादागिरी के चलते आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है बैंक में शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है उल्टा जो व्यक्ति बैंक जाता है उसको मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है बैंक वालों ने व्यक्तियों को इतना पीड़ित किया है की जिसके कारण मजबूरन कोई ना कोई गलत कदम उठाकर आत्महत्या जैसी घटनाओ को अंजाम देता हैं आये दिन कोई ना कोई कर्ज से पीड़ित व्यक्ति आत्महत्या करने को मजबूर हैं | इस प्रकार लगातार बैंक एक सुनियोजित तरीके से अपराध को अंजाम दे रहा है जो की कानून जुर्म है | भारतीय दंड संहिता 1860 में सजा का प्रावधान है जबकि किसी व्यक्ति द्वारा अन्य किसी व्यक्ति को आत्महत्या के लिए मजबूर करने पर उसे न्यायालय द्वारा सजा मिलती है, तो भारतीय कानून में ही व्यक्तियों को परिभाषित किया गया है जिसके तहत संस्था एवं बैंक भी दंड की भागी है | ग्राहक को अपने दस्तावेज़ो को पढ़ने समझने का हक हैं NBFC कंपनी एवं प्राइवेट बैंकों ने बिना ग्राहको को कुछ बताए ग्राहकों के क्या अधिकार है बैंक के क्या अधिकार है एवं लोन न चुकाने के क्या परिणाम हो सकते है ये बताए किसी भी दस्तावेज़ को साइन कराया जाता है | आज बैंको एवं एनबीएफसी कंपनियों ने बहुत सारे अपराधों को जन्म दे दिया है जैसे कि, आम जनता को कर्ज देकर वसूली करने के लिए उनके क्षेत्र में गुंडे बदमाशों को अनाधिकृत रूप से नियुक्ति कर डराने धमकाने एवं गैर कानूनी ढंग से वसूली करने का काम सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के नाक के नीचे खुले तौर पर किया जा रहा है | किसी भी कर्जदार को उनके अधिकार के बारे में नहीं बताया जाता और लगातार संविधान के मौलिक अधिकारों को तार-तार करते हुए व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार न्यायिक मानव अधिकार का हनन किया जाता है, व्यक्तियों को बिना बताए उनके घर को हड़प लेना जमीन पर कब्जा कर लेना एवं कब्जा की गई संपत्ति को साथ साठ-गाठ कर रिश्वत लेकर बेच देना आदि |
आज दिनांक 20 अक्टूबर 2023 को शाम 6:00 बजे कर्ज मुक्त भारत अभियान की टीम संगीता बर्मन के घर का सील जो की तहसिलदार द्वारा लगाया गया था उसे अवैध तरीके से तोड़े जाने एवं बेचने की शिकायत पर संगठित होकर बैंक को शिकायत करने हेतु आधार फाइनेंस श्याम प्लाजा रायपुर में गए हुए थे जहां किसी अधिकारी द्वारा उचित जानकारी न देने पर धरने जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, इसकी शिकायत संगीता बर्मन के द्वारा आधार फाइनेंस को बार-बार पत्र लिखा गया जिसका आधार फाइनेंस द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया कोई कदम न उठाने पर मजबूरन आधार फाइनेंस में दस्तावेज देने के पहले की जिसे लेकर आक्रोशित लोगों ने आधार फाइनेंस पर अपना घर समझ कर बैंक में ही शरण ले लिए एवं तब तक नहीं हटे बात कही गई जब तक संगीता बर्मन को बैंक अधिकारियों द्वारा संपूर्ण दस्तावेज एवं प्रकरण संबंधित संपूर्ण दस्तावेज ना दिए जाने तक स्वयं आधार फाइनेंस एवं उनके अधिकारी व कर्मचारियों के ऊपर दस्तावेज छुपाने एवं गलत जानकारी देने का समाज प्रतिष्ठा का नुकसान पहुंचाने के लिए आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराया तब तक सब बैंक में डटे रहे | अधिकारियों द्वारा दो दिन में दस्तावेज देने की बात बोली गई है एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सिविल लाइन CSP द्वारा आपराधिक प्रकरण हेतु न्यायालय जाने का परामर्श दिया गया जिसके बाद सभी लोगों ने आधार फ़ाइनेंस कंपनी यानि NBFC से प्रस्थान किया || प्रेषक कर्ज मुक्त भारत अभियान पीड़िता संगीता बर्मन

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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