जामिया हिंसा मामले में HC में हुई सुनवाई, छात्रों के वकील ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में हुए हिंसा की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्विस ने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जो कुछ पुलिस ने छात्रों के साथ किया वह दंगे नहीं बल्कि पुलिस की बर्बरता थी. 100 से ऊपर छात्रों ने पुलिस के द्वारा की गई बर्बरता की पुष्टि भी की है. पुलिस ने छात्रों को ‘पाकिस्तानी’ तक कहकर बुलाया.
गोंजाल्विस यहीं नहीं रुके. हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान बसों को जलाने की कार्रवाई भी पुलिस द्वारा ही की गई और इसकी जांच की जानी चाहिए. बसों को जलाने की कार्रवाई छात्रों को बदनाम करने के लिए की गई. इससे जुड़ी 2 सीडी भी गोंजाल्विस ने कोर्ट को दी हैं. गोंजाल्विस ने आगे कोर्ट को बताया कि जब पुलिस की हिंसा और बर्बरता से बचने के लिए छात्राएं वॉशरूम में घुस गईं तो पुलिस ने वहां आकर सारी लाइट्स को तोड़ दिया और उन्होंने लड़कियों पर हमला कर दिया.
कोर्ट से अनुरोध किया गया कि मामले की जांच ना तो दिल्ली पुलिस से और ना ही सीबीआई से कराई जानी चाहिए बल्कि यूपी दंगों की जांच करने वाले उन चार डीजीपी को इस मामले की जांच सौंपी जानी चाहिए. दिल्ली हाई कोर्ट में जामिया मिलिया इस्लामिया हिंसा मामले पर सुनवाई आखिरी दौर में है. दिल्ली हाईकोर्ट तकरीबन आधा दर्जन से ऊपर याचिकाओं पर फ़िलहाल सुनवाई कर रहा है जो सीएए के प्रदर्शन से जुड़े हुए थे, जिसके बाद दिल्ली में हिंसा हो गई.