डॉक्टरों ने छात्रा की लाश अस्पताल के बाहर फेंकी, बाइक पर डेडबॉडी लेकर बिलखता रहा परिवार,

डॉक्टरों ने छात्रा की लाश अस्पताल के बाहर फेंकी, बाइक पर डेडबॉडी लेकर बिलखता रहा परिवार, नर्स के गलत इंजेक्शन लगाने से गई थी जान

इंसानियत को शर्मसार करता हुआ वीडियो

मैनपुरी में इंसानियत को शर्मसार करने वाला वीडियो सामाने आया है। वीडियो में एक परिवार के लोग निजी अस्पताल के बाहर एक 17 साल की छात्रा का शव बाइक पर लिए बिलख रहे हैं। बताया जाता है कि गलत इंजेक्शन लगने से छात्रा की मौत हो गई। मौत के बाद स्टाफ ने छात्रा के परिजनों को शव देकर अस्पताल से भगा दिया। परिवार वाले छात्रा के शव को बाइक पर लिए बिलखते रहे लेकिन उन्हें शव वाहन भी नहीं दिया गया। लोगों ने वीडियो बनाना शुरू किया। इस दौरान अस्पताल का एक डॉक्टर रेफर करने की बात कहकर मौके से कार लेकर भाग गया। इसके बाद परिवार वालों ने अस्पताल के बाहर हंगामा किया। पूरा मामला घिरोर थाना क्षेत्र के करहल रोड पर संचालित निजी अस्पताल का है।

गांव ओए निवासी मनीषा ने बताया, ” मेरी भतीजी भारती (17) इंटर की छात्रा थी। मंगलवार को अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई थी। उसे तेज बुखार आ गया था। जिसके चलते करहल रोड पर संचालित राधा स्वामी अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने बताया था कि उसके सिर पर बुखार चढ़ गया है। जिसका महंगा इलाज होगा।”

इलाज के लिए 20 हजार नगद जमा कराई रकम

मनीषा के मुताबिक, इलाज के लिए अस्पताल के डॉक्टरों ने हमसे 20 हजार नगद जमा कराए थे। जो अन्य दवाई दी उसके अलग 1100 रुपये लिए। रात को भतीजी की तबीयत ठीक हो गई थी। सुबह भी ठीक थी और वह आराम से बातचीत कर रही थी। बुधवार की सुबह 11 बजे जैसे ही स्टाफ नर्स ने भतीजी को इंजेक्शन लगाया, वैसे ही उसकी तबीयत बिगड़ गयी। हम लोगों ने कहा कि बिटिया तड़प रही है तो किसी ने सुना ही नहीं। थोड़ी देर बाद भतीजी ने दम तोड़ दिया। “

मौत के बाद शव बाहर फेंका

जब मौत हो गई तो अस्पताल की नर्स और कर्मचारियों ने भतीजी के शव को अस्पताल से उठाकर नीचे सड़क पर डाल दिया। हम लोगों ने उसे बाइक पर बिठाया। इसके बाद कहने लगे कि जब इलाज नहीं करना थो तो रेफर कर देते। इसपर डॉक्टर बोला कि इसे यहां से ले जाओ। हम लोगों ने शव वाहन भी नहीं दिया गया।

वीडियो बनता देख भागा डॉक्टर

जब अस्पताल की संवेदनहीनता का लोग वीडियो बनाने लगे तो डॉक्टर एक नर्स को कार में लेकर जाने लगा। जब परिजन उससे कहने लगे कि इलाज ठीक से क्यों नहीं किया तो वो कहने लगा कि मैंने मरीज को रेफर कर दिया था। उसके बगल में बैठी नर्स कहने लगी कि कोई मरीज को लेकर न जाए तो हम क्या करें। इसके बाद हंगामा बढ़ता देख डॉक्टर कार से भाग जाता है। बाद में परिजन शव अस्पताल के गेट पर रखकर रोने बिलखने लगे। बाद में निजी वाहन लाकर शव रखकर अपने घर ले गए।

डिप्टी सीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश

डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने इस मामले पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ”राधा स्वामी हॉस्पिटल, मैनपुरी में शव को बाइक पर रखने संबंधी मामले के संज्ञान में आते ही मेरे द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी, मैनपुरी को तत्काल कठोर कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये, जिसके क्रम में नोडल अधिकारी की प्राथमिक जॉच की रिपोर्ट के क्रम में उक्त राधास्वामी हास्पिटल, एसएसडी कॉलेज के सामने, करहल रोड, मैनपुरी को सील करा दिया गया है। हास्पिटल प्रशासन को नोटिस निर्गत करते हुए उक्त हास्पिटल में भर्ती अन्य मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, घिरोर में भर्ती करा दिया गया है।

उक्त हास्पिटल का लाइसेंस निलम्बित करते हुए प्रकरण की विस्तृत जांच हेतु एसीएमओ की अध्यक्षता दो सदस्यीय समिति गठित कर दी गयी है। प्रकरण में मुख्य चिकित्साधिकारी से एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट मांगी गयी है। उक्त हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन भी रद्द करते हुए एफ0आई0आर0 दर्ज कराये जाने की कार्यवाही भी की जायेगी। किसी भी दशा में ऐसी घटनाएँ बर्दाश्त नहीं की जायेगी। दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जायेगी।”

CMO बोले- अस्पताल को किया गया सील

मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने बताया ,” मामला संज्ञान आया है। जांच टीम को अस्पताल की जांच के लिए भेजा गया था। राधा स्वामी अस्पताल रजिस्टर्ड था, यह जरूर है कि जिनके नाम रजिस्टर्ड था उनमें से कोई भी लोग वहां पर मौजूद नहीं थे। अस्पताल को सील कर दिया गया है और उनसे अस्पताल से सं
बंधित सभी पत्रावलियां लाने के लिए कहा गया है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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