तप एक जल प्रपात है जो आत्मा को पवित्र कर देता है

तप एक जल प्रपात है जो आत्मा को पवित्र कर देता है-

पर्युषण पर्व का सांतवा दिनउत्तम तप धर्म।

वाराणसी

वाराणसी श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे 10 दिवसीय दशलक्षण पर्व के सांतवे दिन सोमवार को प्रातः से नगर की समस्त जैन मन्दिरो में जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक-पूजन रत्नत्रय व्रत पूजन के साथ अंरहत सिद्ध आचार्य उपाध्याय साधु परमेषठी को मंगलाचरण के रूप में प्रणाम किया गया।
नरिया स्थित जैन मन्दिर में प्रातः 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की दिव्य मनोहरी प्रतिमा का विधि-विधान से प्रक्षाल किया गया।
भगवान पार्श्वनाथ जन्म सथली भेलूपुर में 10 दिवसीय क्षमावाणी महामंडल विधान काफी संख्या में महिलाए पुरूष संस्कृत का श्लोक पढ़कर श्री जी भगवान को श्री फल अर्पित कर अर्ध्य समर्पित किया।
सायंकाल भेलूपुर स्थित जैन मंदिर में सातवें अध्याय “उत्तम तप धर्म पर व्याख्यान करते हुए प्रो: फूल चन्द्र प्रेमी ने कंहा- घर परिवार छोड़कर जंगलो में जाना ही तप नही है ।तप का लक्ष्य कर्म क्षय एवं इच्छाओ का विरोध है।
इस लक्ष्य के साथ-साथ जो अन्तरंग और बहिरंग प्रकार से तपस्या करता है वह कर्मो का प्रायश्चित करने में समर्थ होता है । व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया तप पतन की ओर ले जाने वाला है।
खोजंवा स्थित जैन मंदिर में प्रवचन करते हुए डॉ मुन्नी पुष्पा जैन ने कहां- जिसके अंदर दया धर्म अहिंसा तप और त्याग है वह वह सर्वागीण सुन्दर है और धर्मात्मा है।
प्रो: अशोक जैन ने कहां- कर्म बंधन से छुटकारा पाने के लिए एक ही उपाय है राग द्वेष अतीत बनो वीतरागी बनो। अंहिसा अभय तपस्या अस्तेय अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और सदाचार से आत्मा को जीता जा सकता है। तभी शान्ती मिलेंगी और शान्ति है तो निर्माण।
ग्वाल दास लेन स्थित जैन मंदिर में पं सुरेंद्र शास्त्री ने कंहा- आत्मा को स्वर्ण बनाना है तो इसे तपना होगा। मनुष्य का जीवन एक दर्पण के समान होता है। समय-समय पर शुद्ध-अशुद्ध कर्मो की धूल की परतें जमती रहती है। अतः तप द्वारा ही शुद्ध एवं सर्वागीण सुन्दर बनाया जा सकता है। तपस्या से ही आत्म-स्वरूप की प्राप्ति होती है। भूमि जितनी तपती है उतनी ऊपजाऊ होती है। तप रूपी साधना से ही आत्मा को पवित्र किया जा सकता है।
सायंकाल जैन मंदिरो में शास्त्र प्रवचन जिनवाणी पूजन तीर्थंकरो की आरती की गई।
आयोजन में प्रमुख रूप से दीपक जैन राजेश जैन संजय गर्ग आलोक जैन अशोक जैन सौरभ जैन ध्रुव कुमार जैन डां जे के सांवरिया प्रदीप जैन प्रमोद बागडा उपस्थित थे।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× अब ई पेपर यहाँ भी उपलब्ध है
अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks