कोरोना: नहीं चेते तो देश को भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम: राजू आर्य

कोरोना: नहीं चेते तो देश को भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम: राजू आर्य
बोले डब्ल्यूएचओ की चेतावनियों को नहीं लिया गंभीरता से तो आने वाला समय होगा और भयाभय
एटा। राष्ट्रीय दलित पिछड़ा वर्ग (उ.प्र.) के प्रदेश अध्यक्ष युवा, भारतीय गौ रक्षा वाहिन उ.प्र. के बृज क्षेत्र के अध्यक्ष, कट्टर विश्व हिन्दू परिषद नेता रंजीत कुमार उर्फ राजू आर्य ने कहा कि कोविड-19 बीमारी आज लगभग सम्पूर्ण देश में बहुत तेजी के साथ-साथ विश्वभर में एक वैश्विक महामारी का रूप लेती जा रही हैं। खासकर घनी आबादी वाले देशों में तो कोरोना के कारण हाहाकार मचा हुआ है। बार-बार डब्ल्यूएचओ की सख्त हिदायत देने के बाद भी कुछ राष्ट्र अभी भी कोरोना से बचाव हेतु कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप वहां मौतों का आंकडा लगातार बढ़ता जा रहा है।
श्री आर्य बताते है कि अगर डब्लूएचओ की बारम्बार चेतावनी के बाद भी अगर अपने देश में भी कोरोना बीमारी को गम्भीरता से नहीं लिया गया तो कोरोना के कारण पूरे देश को गम्भीर से गम्भीर परिणाम भुगतने ही पडेगें। आर्य कहते हैं कि अगर राज्य सरकारों ने समय से कोरोना के बचाव व रोकधाम के लिए कठोर कार्यवाही और जनहित में जागरूकता फैलाने जैसे सोशल डिस्टेसिंग, बेवजह घरों के बाहर घूमना, मास्क का प्रयोग व हाथों को बार-बार धोने के लिए प्रेरित करना इत्यादि आवश्यक सूचनाएं जन-जन तक फैलायी जायें, और पूर्णरूप से पूरे देश में कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक कार्यवाही कर अमल में लायी जाये। क्योंकि कि खासकर महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान आदि राज्यों में कोरोना की भयाभय स्थिति बनती जा रही है। केन्द्र सरकार को ऐसी स्थिति में अगर सम्भव हो तो सम्पूर्ण लाकडाउन राष्ट्रहित को देखते हुये लगा देना चाहिए।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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