प्रेमिका के सामने प्रेमी ने अपनी कनपटी में मारी गोली

बिहार

दरअसल: मुंगेर में गुरुवार की सुबह 22 साल के प्रेमी ने 19 साल की प्रेमिका के सामने अपनी कनपटी में गोली मार ली। लड़के की बहन ने पुलिस को दी आवेदन में बताया कि लड़की उसके पड़ोस में ही रहती है। मेरा भाई उसे अपने साथ भागकर ले जाना चाहता था, लेकिन लड़की ने मना कर दिया। इसके बाद उसने सर में गोली मार ली। वारदात कोतवाली थाना क्षेत्र के बासुदेवपुर ओपी के दालहट्टा दुर्गा मंदिर के पास की है।

गोली की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों की भी जुट गई। आनन फानन में युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया। गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए पटना पीएमसीएच रेफर किया गया है।

जानकारी के अनुसार आईटीसी से रिटायर्ड कर्मचारी गजेंद्र सिंह का इकलौता बेटा राजा सिंह का परोस में रहने वाली एक लड़की से 5 साल से अफेयर चल रहा था। गुरुवार को राखी के दिन राजा ने अपनी बहन से घर में सुबह राखी बंधवाया और पल्सर स्टार्ट कर निकल गया। परोस की रहने वाली प्रेमिका के घर के सामने पल्सर रोकी। प्रेमिका को दरवाजे के पास खड़े देख उसे इशारा किया की चलो हम लोग यहां से चलते हैं।

प्रेमिका ने साथ चलने से इनकार कर दिया। इस पर प्रेमी राजा ने कमर से पिस्टल निकाल कर प्रेमिका को दिखाया। इसके बाद अपनी कनपटी में रखकर खुद को सूट कर लिया। गोली लगते ही राजा अपनी बाइक के हैंडल पर जा गिरा और प्रेमिका ने दरवाजा बंद कर लिया।

गोली की आवाज से आस पास के लोग दौड़े। उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया। सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में इलाज कर रहे डॉक्टर रोशन ने बताया कि गोली सर में लगी है। युवक की स्थिति गंभीर है। बेहतर इलाज के लिए इसे पीएमसीएच रेफर किया गया है।

राजा कुमार की मां दुर्गा देवी ने बताया कि मेरे बेटे का प्रेम प्रसंग परोस के ही रहने वाली एक लड़की से चल रहा था। बुधवार की रात वह लड़की मेरे बेटे को घर से साथ चलने के लिए दबाव बना रही थी। मेरे बेटे ने कहा कि सुबह चलूंगा। सुबह जब वह घर से निकला तो वह अपने घर से नहीं निकली। शायद इसी बात से नाराज होकर मेरे बेटे ने उसी के चक्कर में खुद को गोली मार ली।

बासुदेवपुर ओपी अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह ने कहा कि मामला प्रेम प्रसंग का है। राजा की बहन ने अपने भाई द्वारा खुद को गोली मार कर आत्महत्या की कोशिश का थाने में आवेदन दिया है। पुलिस ने पल्सर को जप्त कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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