गर्भवती को अस्पताल लाने और छोड़ने के लिए एंबुलेंस काम नहीं कर रहीं
एटा,बुधवार को भी ब्लॉक मारहरा के गांव पिदौरा से दिव्यांग गर्भवती को प्रसव को लाने के लिए आशा, पति ने कईबार एंबुलेंस को कॉल किया। एंबुलेंस के न पहुंचने पर दिव्यांग पति टेंपो से गर्भवती पत्नी को लेकर एमसीएच विंग पहुंचा।

बुधवार दोपहर में एमसीएच विंग टेंपो से पहुंचे पिदौरा निवासी दिव्यांग हर्षवर्धन ने बताया कि सुबह से उसकी दिव्यांग गर्भवती पत्नी रूपवती को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिसकी सूचना उसने गांव की आशा शबीन बानो को दी। सूचना पर आशा घर पहुंच गई। घर से ही उसने 102 एंबुलेंस को बुलाने के लिए कॉल किया। कॉल रिसीव हुआ और जल्द पहुंचने की बात कही गई। इसके बार आशा ने दो बार और पति ने भी दो-तीन बार एंबुलेंस के लिए कॉल किया। जिस पर उनको बताया गया कि ब्लॉक मारहरा क्षेत्र की एंबुलेंस व्यस्त है। जलेसर से एंबुलेंस भेजी जा रही है। पहुंचने में समय लगेगा, जिसके बाद आशा और पति दिव्यांग गर्भवती को टेंपो से लेकर मेडिकल कालेज की एमसीएच विंग में पहुंचे। जहां पर प्रसव पीड़ा से परेशान गर्भवती को भर्ती कराया जा सका। दिव्यांग हर्षवर्धन ने बताया कि गांव से एटा आने का टेम्पों ने पांच सौ रुपये किराया लिया है।
जनपद में डिलीवरी की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में थोड़ी बहुत समस्या होना स्वभाविक है। पिदौरा की दिव्यांग गर्भवती को एंबुलेंस न मिलने का मामला संज्ञान में नहीं है। ऐसा हुआ तब उसकी जांच करायी जाएगी।
डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी, सीएमओ, एटा।