शंकर विजेंद्र सरस्वती महाराज के दिव्य सानिध्य में चेत सिंह किला परिसर में बंगाल समाज काशी के लोगों के साथ हुई सभा।
वाराणसी

श्री कांची कमाकोटी पीठधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य शंकर विजेंद्र सरस्वती महाराज के दिव्य सानिध्य में सोमवार को चेत सिंह किला परिसर में बंगाल समाज काशी के लोगों के साथ सभा हुई। जिसमें बंगाल समाज काशी के अध्यक्ष अशोक कांति चक्रवर्ती एवं सचिव देवाशीष दास तथा नव संघ के अध्यक्ष असित दास वरिष्ठ प्रवक्ता शंकर बोस सहित बंगाल समाज काशी के समस्त पदाधिकारी ने महाराज श्री का अभिनंदन किया। अभिनंदन पत्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुब्रतो भट्टाचार्य जी ने वाचन किया। इससे पूर्व दुर्गा चरण कन्या इंटर कॉलेज की छात्रा सृजा विश्वास ने श्री गणेश वंदना प्रस्तुत की।कार्यक्रम में पद्मश्री कल्याण सुन्दरम को अंगवस्त्रम ओढा कर महाराज ने अभिनंदन किया। अपने आशीर्वचन में जगतगुरु शंकराचार्य शंकर विजेंद्र सरस्वती जी महाराज ने कहा कि बंगाल शक्ति परंपरा का प्रमुख स्थान है। भक्ति का विषय हो,अद्वैत परंपरा का हो देश भक्ति का विषय हो या कला संस्कृति का हो इन सब में सबसे प्रसिद्ध नाम बंगाल का है।प्राचीन भारतीय संस्कृति में विशाल योगदान करने में बंगाल का विशेष महत्व है। संस्कृत भाषा के साथ निकट का संबंध रखने वाली भाषा बंगाली है। बंगालियों की जो गरिमा और महिमा है वह गौरव का विषय है। सनातन संस्कृति व्यापक है प्रकृति के कण-कण में सनातन संस्कृति विद्यमान है। अतिथियों का स्वागत कांची मठ के प्रबंधक वी एस सुब्रमण्यम मणि ने एवं कार्यक्रम का सफल संचालन चक्रवर्ती विजय नावड ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नव संघ काली पूजा परिवार के राजू चक्रवर्ती डॉ गौतम चक्रवर्ती कौशिक घोष स्वरूप चक्रवर्ती तुषार कांति सिन्हा अरुण कुमार भट्टाचार्य संतोष भट्टाचार्य जैन शर्मा मुन्नू प्रसाद मौर्य सब्यसाची बसु आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।