
गांवों की कनेक्टिविटी के लिए बनी सड़क परियोजनाएं कोरोना में फंस गई है। एक अरब रुपये से ज्यादा की तीनों योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाना था। महामारी के अलावा योजनाओं के लिए बजट भी काम की रफ्तार को धीमा कर गया। 92 करोड़ की दो परियोजनाएं ठाकुरद्वारा तहसील से जुड़ी हैं। इसके पूरा होने पर करीब 75 गांवों की आने जाने की समस्या दूर होगी। बड़ा फायदा क्षेत्र के गन्ना किसानों के लिए था। इसी तरह शहरी क्षेत्र में हाईवे की सड़क को जाम से निजात के लिए बना 23 करोड़ का प्रोजेक्ट भी फंस गया है। जिले में गांवों के विकास के लिए सड़क प्रस्तावों को हरी झंडी मिली थी। लॉक डाउन से पहले मंजूर ठाकुरद्वारा क्षेत्र में दो बड़ी सड़कों के प्रस्ताव बने। इनमें एक सड़क रतुपुरा ठाकुरद्वारा मंडी समिति से कमालपुरी, ताजपुर वाया खबरिया घाट, टाह मदन,पीपल समेत 25 गांवों को जोड़गी। 42.3 किमी लंबी सड़क सुधार और चौड़ीकरण के लिए 40 करोड़ रुपये खर्च का एस्टीमेट तैयार हुआ। विभाग के जेई के अनुसार 14 फरवरी को यह सड़क मंजूर हुई थ। जब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी होती यह प्रस्ताव कोरोना महामारी में फंस गया। प्रतिबंध के चलते सड़क निर्माण का प्रस्ताव अटक गया। इसी तरह ठाकुरद्वारा में रघुनाथ पुर से पसिया पुरा, बंकावाला, दौलना, शिव नगर होकर दोराहा डिलारी करनपुर सुरजन नगर के लिए 26.520 किमी लंबी सड़क का प्रस्ताव बना। लागत 32 करोड़ है। सड़क का प्रस्ताव भी जनवरी, 20 के अंतिम हफ्ते में मंजूर हुआ। प्रतिबंध का प्रस्ताव पर असर पड़ा।सड़क परियोजना थमने का तीसरा मामला शहरी क्षेत्र से जुड़ा है। स्टेशन रोड, रोडवेज बस अड्डे होकर जाने वाली हाईवे की सड़क को चौड़ीकरण के लिए लोनिवि ने 23 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाया। हाईवे पर जाम से निजात के लिए डीएम के संग लोनिवि के अफसरों ने पूरी सड़क का जाएजा लिया। फव्वारा तिराहे से संभल फाटक तक सड़क बनाने का प्रस्ताव बना। पर प्रोजेक्ट पर मंजूरी से पहले अन्य पेचीदगियां खड़ी हो गई है।