एटा के शहीद पत्रकार गजेन्द्र सिंह राठौर की प्रतिमा स्थल पर किसी अन्य की प्रतिमा लगाना पत्रकारिता पर खुला अत्याचार

एटा के शहीद पत्रकार गजेन्द्र सिंह राठौर की प्रतिमा स्थल पर किसी अन्य की प्रतिमा लगाना पत्रकारिता पर खुला अत्याचार

चुप नहीं बैठेंगे एटा के पत्रकार न्याय के लिए होगी आरपार की आन्दोलन रुपी जंग

विशन पाल सिंह चौहान

एटा। पूर्व में दैनिक जागरण आगरा के एटा व्यूरो चीफ गजेन्द्र सिंह राठौर का जन्म पटियाली तहसील के ग्राम शाहपुर टहला में 10/10/54 को हुआ। गंजडुन्डवारा,बकेबर,इलाहाबाद शिक्षा ग्रहण करने के बाद क्रिकेट के खिलाड़ी भी रहे। बाद में दैनिक जागरण आगरा से एटा के न्यूरो चीफ बने।

एटा प्रवास के दौरान 1990 में उमा भारती मन्दिर आन्दोलन में गंजडुन्डवारा के भ्रमण पर आईं ।
निर्भीक पत्रकारिता का जज़्बा गजेन्द्र सिंह राठौर का था सो वे राजा का रामपुर से ही उमा भारती मन्दिर आन्दोलन में गंजडुन्डवारा के लिए जाते समय रिपोर्टिंग करने के लिए पीछे हो लिए ।

गजेन्द्र सिंह राठौर को उनके बहुत से मित्रों ने पटियाली के विनोद दुबे आदि ने रोका और कहा कि काफिले पर हमला हो गया है आप मत जाइए ।परंतु वे स्कूटर पर सबार निश्चिन्त होकर चले जा रहे थे ।क्यो कि वो हिन्दू मुस्लिम एकता के सच्चे सिपाही थे। बताते हैं कि गंजडुन्डवारा में प्रवेश करने पर पत्रकार राठौर पर भी हमला हो गया ।भीषण दंगे में कई अन्य के साथ पत्रकार राठौर की भी हत्या कर दी गई ।

उनके मित्रों व सामाजिक प्रयासों से उनके स्मारक का लोकार्पण पूर्व विदेश केन्द्रीय मंत्री डॉ 0दिग्विजय सिंह ने 10/10/93 को किया था। दुर्भाग्य से उनके इकलौते बेटे व पत्नी की मृत्यु हो चुकी है ।भाइयों के परिवार हैं ।

शहीद पत्रकार गजेन्द्र सिंह राठौर के स्मारक मडिया चौराहे पर एक दिन अचानक पीपल का ब्रक्ष गिर गया जिसमें उनका स्मारक टूट गया।
विगत 29/10/22को महामहिम राज्यपाल महोदय भगत सिंह कोश्यारी पधारे थे चौराहे के स्थान को साफ किया गया। गोल चक्र बनाने का काम हुआ तो आशा बनी कि गजेन्द्र सिंह राठौर की मूर्ति पुनः उसी स्थान पर रखी जाएगी ।

परन्तु अब पता चला कि वहां किसी अन्य व्यक्ति की मूर्ति रखी जाएगी।
यह पत्रकार राठौर के प्रति ही नहीं बल्कि पत्रकारिता पर घोर अत्याचार है। जिसे बर्दाश्त नही किया जायेगा। यह भी पता चला है कि श्री राठौर के स्मारक स्थल पर ही आज लोकार्पण समारोह 15/8/23 को किसी नेता के द्वारा किया गया है।

लेकिन कलम के सिपाही की आज फिर मौत के गवाह हम सब बनेंगे।

शासन प्रशासन अथवा राजनेता जहां चाहे वहां पर किसी भी शहीद, स्वतंत्रता सैनानी या महापुरुष की मूर्ति का अनावरण कराये मीडिया कर्मियों को अपार खुशी होगी, लेकिन सबसे बड़े दुःख की बात तो यह है कि जिले के उस शहीद पत्रकार के स्मारक स्थल पर किसी अन्य की मूर्ति स्थापित की गई है,जिस पत्रकार ने भाजपा की राष्ट्रीय नेता साध्वी उमा भारती की रैली में समाचार कवरेज करते हुए गंजडुंडवारा में अपने प्राणों की बाजी लगा दी।आज उन्हीं शहीद पत्रकार गजेन्द्र सिंह राठौर के स्मारक स्थल पर ही “भाजपा” सरकार की उपस्थिति में जबरन अवैध तरीके से किसी अन्य की प्रतिमा स्थापित कराई गई है,जो न केवल शहीद पत्रकार गजेन्द्र सिंह राठौर की शहादत पर बेतुका भद्दा मजाक किया गया है, बरन लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले मीडिया पर सबसे बड़ा क्रूरतम, अन्यायकारी, व दमनकारी हमला है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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