
स्वास्थ्य विभाग एटा की हकीकत सुनेंगे तो चौंक जाएंगे चाटुकार।
सत्य लिखना और सत्य को झेलना शायद बस में नही चाटुकारों के।
नीचे दिए गए विन्दुओ की सारी जानकारी व्यक्तिगत रूप से मा0उपमुख्यमंत्री जी को शिकायती पत्र द्वारा लखनऊ जाकर उवलब्ध कराई गई।
एटा- जब से एटा सीएमओ के क्रियाकलापों की वीडियो वायरल हुई है, तब से पूरे जनपद में हड़कंप मचा हुआ है।कुछ चाटुकार तो यहाँ तक कह रहे हैं, कि यह मामला पत्रकारों के मध्य डिवाइड एंड रूल फूट डालो राज करो कि नीति पर आधारित है।मेरा नाम लेकर कई पत्रकारों ने लिखा कि मेरे और आर0बी दुवेदी के मध्य जंग जल रही है।जबकि ऐसा हुआ ही नहीं,और न ही मेरी कोई वैमनस्यता आरबी दुवेदी से है। और इस प्रकरण पर मैंने कुछ लिखा भी नही।फिर इस तरह का कथन किस मानसिकता का परिचायक है।अब अगर स्वास्थ्य विभाग एटा की हकीकत जाननी है, तो अब खुल कर लिख रहा अगर सत्य को झेलने की क्षमता हो तो सुनो और पढ़ो।स्वास्थ्य विभाग एटा की काली करतूतों को बिंदुबार।नम्बर 1-इससे पूर्व जब सीएमओ साहब अमापुर में इंचार्ज थे तब भी इनके चर्चे आम हुए जिसकी ऑडियो आज भी एक सभ्रांत पत्रकार के पास उपलब्ध है।नम्बर 2-जनपद एटा के प्राइवेट नर्सिंग होम और झोलाछाप डॉक्टरों के यहाँ लगभग 2 दर्जन इलाज में लापरवाही के कारण मौतों का जिम्मेदार कौन।3-एटा में सरकारी खरीद करोडों रुपयों की बिना मानक के सीएमओ में बेटे की फर्म से।4-राजा का रामपुर में हुई फर्जी डिलेवरी का पर्दाफाश का मामला प्रमुख समाचार पत्र में प्रकाशित।।5-कोरोना वैक्सीन का टारगेट मरे हुए को वैक्सीन लगाना दर्शाया कर सरकार को गुमराह करना।6-कुकुरमुत्तों की तरह खुले अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर कोई रेडियोलॉजिस्ट नही होना,सिर्फ भाड़े के टेक्नीशियन के बल पर अल्ट्रासाउंड कर फर्जी रिपोर्ट मरीजों को देना।7-अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर भ्रूण जांच और भ्रूण हत्याओं के फलता फूलता कारोबार।8- एटा के तमाम हॉस्पिटलों के अलावा अलीगंज जैथरा में झोलाछाप द्वारा मरीजों की मौतों का आंकड़ा 2 दर्जन से पार।जिसमे अलीगंज में पाँच मौतों के जिम्मेदार झोलाछाप आज भी धड़ल्ले से अपने क्लिनिक संचालित कर रहे।और कुछ जानना है,तो सुनो 52 लाख के घोटाले के डॉ0 जो अलीगंज सीएचसी का इंचार्ज बनाकर लाखों का चूना।जो धड़ल्ले से अपने सरकारी आवास पर प्राइवेट रूप से फीस लेकर मरीजों को देख रहे हैं।मेरे पत्रकार साथियों सत्य कडुवा होता है। पूर्व में जब एक पत्रकार की पत्नी की प्रसव पीड़ा हुई तो अलीगंज सीएचसी पर एक मोमबत्ती में डिलेवरी हो रही थी।जिसका खुलासा मौके
पर पहुंचकर किया तो कुछ चाटूकार पत्रकारों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते डॉ रंजीत से मिलकर पत्रकारों के खिलाफ ही तहरीर दिलवा दी जब कि उस पत्रकार की पत्नी की डिलिवरी हॉस्पिटल की रेम्प पर ही हो गई थी।वो तो धन्यवाद दूँगा जिलाधिकारी महोदय एटा को क्योंकि इस पूरी घटना की सारी वीडियो और हकीकत हम लोगो ने उसी समय मा0जिलाधिकारी को उपलब्ध कराकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दे दी थी।जिन्होंने पत्रकारों द्वारा दी गई जानकारी की सत्यता को देखते हुए कोई कार्यवाही नही होने दी।और कुछ सुनने की क्षमता हो तो सुनो शासन से ट्रांसफर होने के बाबजूद भी डॉ रंजीत वर्मा की पैरवी सीएमओ एटा द्वारा की गई।पर ट्रांसफर रुकबाने में असफल हुए तो रिलीव नही किया।इसकी जानकारी जब मा0 कमिश्नर साहब अलीगढ़ को दी गई तो उनके हस्तक्षेप से डॉ0रंजीत वर्मा ने अतरौली जाकर चार्ज लिया।इसका समाचार प्रमुखता से ट्रांसफर ऑर्डर एवं रिलीव ऑर्डर के आदेशों के साथ प्रकाशित हुए थे।हा एक बात तो रह ही गई उसको भी उजागर कर देता हूँ।अभी हाल ही में बागवाला पर तैनात अधीक्षका पर इल्जाम लगा था,कि उनके पति सभी कर्मचारियो पर रोब गांठते हैं, और आशा,
एएनएम से अबैध बसूली करते है।जिसके कारनामों को जनपद के प्रमुख समाचार पत्रों ने खुल कर छापा था।बाकी बची हकीकत बाबू ने ऑडियो ने पूरी कर दी।अब अगर शर्म हो तो चाटूकारों जरा अपने गिरेवान में झांको।क्योंकि सत्य लिखना और सत्य झेलना तुम्हारे बस में नहीं है।एक खुलासा और किए दे रहा इन सभी बिंदुओं की लिखित जानकारी शिकायती पत्र द्वारा लखनऊ जाकर मा0उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को व्यक्तिगत रूप से देकर आया 8 अगस्त को।