ट्रांसफर की खबर सुनकर थाने में जम गई भीड़, गले लगा कर रोने लगे लोग

सैल्यूट ऐसे अधिकारी को

ट्रांसफर की खबर सुनकर थाने में जम गई भीड़, गले लगा कर रोने लगे लोग

बस्ती।पुलिस शब्द जब कोई भी सुनता है तो तुरंत उसके मुंह से निकलता है कि रौबीला और कड़क अंदाज वाला होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पुलिस की इस परंपरागत छवि के विपरीत बहुत अलग देखने को मिला है।एक थाना प्रभारी का ट्रांसफर का फरमान आने पर थाने पर लोगों की भीड़ जुट गई।ये लोग थाना प्रभारी से प्यार करते थे।लगाव इतना अधिक था कि गले लगकर रोने लगे।थाना प्रभारी से कहीं भी नहीं जाने की गुजारिश की।बरहाल थाना प्रभारी ने कहा कि ये काम का हिस्सा है और इसे निभाना ही होगा।थाना प्रभारी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।वीडियो में थाना प्रभारी के कंधे पर सिर रखकर रोते हुए आम जनता की तस्वीर काफी चर्चा में है।वीडियो को देखने के बाद आप भी सोच रहे होंगे कि क्या पुलिस ऐसी भी होती है।

इंस्पेक्टर दुर्गेश पांडे छावनी थाने में थाना प्रभारी थे।चेहरे की चमक और सरल स्वभाव इनकी पहचान है।दुर्गेश पांडे का एसपी ने जैसे ही ट्रांसफर का फरमान जारी किया।छावनी थाना क्षेत्र की जनता की आंखों में आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।जिस पुलिस को देखकर लोग कोसो दूर भागते हैं।थाने में जाने से डरते हैं।उसी थाने में हाथों में फूल माला लेकर आम लोग दुर्गेश पांडे के ट्रांसफर पर रोते हुए नजर आए।क्या बड़े, क्या बुजुर्ग सभी दुर्गेश पांडेय के कंधे पर अपना सिर रखकर रोने लगे।दुर्गेश पांडेय ने किसी तरू सभी को सांत्वना दिया और कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग तो सतत प्रक्रिया है।

कहा जाता हैं अगर पुलिस अपनी पर आ जाए तो उसके आगे सब धुआं हो जाता है,लेकिन बस्ती जिले के एक अच्छे इंस्पेक्टर दुर्गेश पांडेय ने खाकी की इस छवि को बदल कर दिया है।जब दुर्गेश पांडेय का ट्रांसफर हुआ तो थाने में सन्नाटा छा गया।बुजुर्ग से लेकर जवान सभी के आंख से आंसू की धारा बहने लगी।छावनी थाने में तैनात इंस्पेक्टर दुर्गेश पांडेय ने लोगों के दिलों में ऐसी जगह बनाई कि उनके सभी कायल हो गए हैं।दुर्गेश पांडेय छावनी थाने में जब आए तो सबसे पहले वे थाने की हालत देखकर चौंक गए और उन्होंने थाने की सूरत बदलने का संकल्प लिया।थाने में ऑफिस से लेकर किचन तक की सारी सुविधा उपलब्ध कराई।यहां तक कि किसी पुलिसकर्मी को किसी होटल या रेस्टोरेंट मे जाने की जरूरत न पड़े इसके लिए थाने में ऐसा रसोई घर बनाया जो किसी रेस्टोरेंट से कम नहीं लगता है।थाने के साथ-साथ दुर्गेश पांडेय लोगों के दिलों में अच्छी जगह बनाई।दुर्गेश पांडेय ने पुलिस का जो कर्तव्य होता है उसे बखूबी निभाया।

दुर्गेश पांडेय गरीबों की मदद से लेकर उन्हें न्याय दिलाने तक में निष्पक्ष होकर कार्य किया।छावनी थाने से ट्रांसफर होते ही क्षेत्र के लोगों के ऊपर मानो पहाड़ टूट पड़ा हो और उनसे मिलने के लिए लोगों का ताता लग गया।लोग रोते बिलखते दुर्गेश पांडेय से गले मिलकर न जाने की गुहार लगाते रहे।लोग रोते हुए दुर्गेश पांडेय को गले लगाते हुए, फूल माला पहनाकर रोते हुए विदा किया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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