ईंट भट्ठा उद्योग में पहली बार व्यावसाई मजदूर और विशेषग्य हुए साथ न्यायसंगत बदलाव के लिए सरकार से सब्सिडी की मांग।
बुनियाद अभियान ने मालिकों और मजदूरों के बीच घटाई दूरी सभी हितधारक 2 अगस्त को लखनऊ में बठक कर तय करेंगे आगे की योजना।
सबको साथ ले कर चलेगा ईंट भट्ठा उद्योग पर्यावरण संरक्षण मजदूरों के प्रशिक्षण और सब्सिडी से बढ़ेगी सभी वर्गों की आय।

आज दिनांक 18 जुलाई दिन मंगलवार को मैदागिन, वाराणसी स्थित पराड़कर भवन के प्रांगण में क्लाइमेट एजेंडा के द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। यह प्रेस वार्ता ईंट भट्ठा उद्योग में व्यापक तकनीकी बेहतरी के लिए प्रांतीय स्तर पर बुनियाद अभियान द्वारा किये जा रहे प्रयासों को मीडिया से साझा करने के उद्देश्य से आयोजित की गयी। इस प्रेस वार्ता को प्रमुख रूप से क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर और अभियान की संयोजक सानिया अनवर ने सम्बोधित किया।
बुनियाद अभियान के बारे में बताते हुए एकता शेखर ने कहा पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत ईंट भट्ठा उद्योग में न्यायसंगत तकनीकी बदलाव इस अभियान का केंद्रीय तत्व है। तकनीकी बदलाव को हम न्यायसंगत तभी कह सकेंगे अगर ईंट भट्ठा उद्योग पारंपरिक तकनीकी से आगे बढ़ कर जिग ज़ैग जैसी तकनीकी अपना ले पर इसका लाभ केवल पर्यावर्णीय क्षेत्र या ईंट भट्ठा मालिकों के बीच सीमित रहने के बजाये भट्ठा मजदूरों और आस पास रहने वाले ग्रामीण समुदायों तक भी पहुंचे।
बुनियाद अभियान के अंतर्गत प्रयागराज मंडल मिर्जापुर मंडल आजमगढ़ मंडल वाराणसी मंडल अम्बेडकरनगर मंडल के अंतर्गत शामिल जिलों में किये गये कार्यों के बारे में एकता शेखर ने बताया। निरंतर और सघन संपर्क अभियान के माध्यम से अब तक क्षेत्र में लगभग चार सौ से अधिक ईंट भट्ठा व्यावसाइयों, 10 से अधिक मजदूर प्रतिनिधियों और 50 ग्राम पंचायतों को इस अभियान से जोड़ा गया है। छोटे छोटे समूहों में आयोजित बैठकों के बाद वृहत बैठकों का आयोजन भी किया गया जिसमे इस उद्योग से जुड़े सभी वर्गों के प्रतिनिधि एकजुटता के साथ शामिल हुए। विभिन्न सर्वेक्षणों पर्चों सांस्कृतिक आयोजनों आदि के माध्यम से व्यावसायियों कामगारों और ग्रामीण समुदायों के बीच एकजुटता पर बल दिया गया और प्रदूषण से लेकर मजदूरों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में बेहतरी के लिए मिल क्र प्रयास करने पर सहमति बनाई गयी।
इस बारे में सानिया अनवर ने बताया वर्षों से करोड़ों हाथों को रोजगार देने वाले ईंट भट्ठा उद्योग को आज बहुत सारी गलत वजहों से जाना जाता है।पर्यावरण को पहुँचने वाली क्षति के साथ साथ मजदूरों की दशा हमेशा से चिंता का कारण बनी रही है। बुनियाद अभियान इस उद्योग को उत्तर प्रदेश के एक ऐसे आदर्श उद्योग के रूप में प्रतिष्ठित कराने का प्रयास कर रहा है जो न्यायसंगत बदलाव के सन्दर्भ में अन्य उद्योगों के लिए प्रेरणाश्रोत बन सके। अभियान के इस प्रथम चरण में इस उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों को एक साथ एक पटल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार और माननीय एन जी टी के आदेशों के आधार पर यह तकनीकी बदलाव तो अनिवार्य है पर इसे सुगम बनाने के उद्देश्य से यह अभियान सरकार से सब्सिडी देने की मांग प्रमुखता से कर रहा है।
बुनियाद अभियान द्वारा संचालित गतिविधियों के बारे में बताते हुए सुश्री सानिया अनवर ने कहा उद्योग से जुड़े सभी हित धारकों को एक मंच पर लाने के क्रम में प्रदेश भर से लगभग 400 ईंट भट्ठा मालिक दस से अधिक ईंट भट्ठा संगठन और मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय स्तर पर इस उद्द्योग को अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे विभिन्न तकनीकी विशेषग्यो को अभियान से जोड़ा गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन प्राप्त बायो कोल उद्द्यमियों के साथ साथ राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत युपीनेडा और पंचायती राज के प्रतिनिधियों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है ताकि उद्योग के अन्दर अपेक्षित बदलाव के सभी गतिरोध ख़त्म किये जा सकें।
ज्ञात हो कि ईंट भट्ठा मालिकों को जिग ज़ैग तकनीकी अपनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आदेशित किया जा चुका है जिसकी मियाद जून 2024 है इस अवधि के भीतर जिग ज़ैग तकनीकी अपनाने में असफल रहने वाले ईंट भट्ठों को जून 2024 के बाद बंद कर देने का प्रावधान रखा गया है इस आदेश के बावजूद जिग ज़ैग तकनीकी का उपयोग यथोचित तरीके से शुरू नही हो सका है जिससे सरकार के द्वारा घोषित अवधी के भीतर तय लक्ष्य पा सकने में असफल रहने की आशंका दिख रही है।
उद्योग के सामने आसन्न चुनौतियों को सामने रखते हुए वक्ताओं ने कहा साल दर साल बदलते पर्यावरण के कारण महिलाओं और बच्चों को ख़ास तौर पर प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
वक्ताओं ने आगे बताया “केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाएं जैसे बच्चों के लिए आंगनवाडी बालवाडी मजदूरों के लिए श्रमिक पंजीयन सरकारी स्वास्थय सुविधाएं महिला मजदूरों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना आदि सवालों के समाधान के लिए बुनियाद अभियान प्रयासरत है।
बुनियाद के अगले कदम के बारे में बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रांतीय स्तर पर सभी हितधारकों को एक पटल पर लाने की कोशिश में अगस्त के प्रथम सप्ताह में एक बैठक लखनऊ में आयोजित हो रही है। इस बैठक के माध्यम से एक प्रांतीय पटल की औपचारिक घोषणा प्रस्तावित है। इस पटल में शामिल सभी हित धारक इस उद्योग के अन्दर न्यायसंगत परिवर्तन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अगले कुछ महीनों में एक कार्ययोजना का निर्माण करेंगे जिसे बुनियाद अभियान द्वारा राज्य सरकार को सौंपा जाएगा।