विवादित फिल्म आदि पुरुष का विरोध पूरे देश विदेश में हो रहा है।

सनातन धर्म को मानने वालों तथा हिंदू देवी-देवताओं में आस्था रखने वालों ने इस फिल्म को धार्मिक व भारतीय संस्कृति से छेड़छाड़ बताया है वह फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं
इसी संदर्भ में वाराणसी में जरूरतमंद व बेसहारा लोगों को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने के क्षेत्र में कार्य करने वाली सामाजिक संस्था दिशा सोसाइटी के प्रमुख अजीत पांडेय बाबुल ने आदि पुरुष फिल्म पर अपनी आपत्ति व आक्रोश जताते हुए कहा कि हिंदू भावनाओं से खिलवाड़ करने वाली फिल्म आदिपुरुष का मै पुरजोर विरोध करता हूँ और राज्य व केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि जल्द से जल्द इस फिल्म को बैन किया जाए।
हमारे प्रभु श्रींराम और हनुमान जी ने कभी अपने मुख से इतनी ग़लत भाषा का प्रयोग नहीं किया जो की इस फ़िल्म में दिखाया जा रहा है बॉलीवुड के भांडो ने इस फ़िल्म के माध्यम से करोड़ों देशवासियों की भावनाओं को आहत किया है। आखिर यह बॉलीवुड वाले क्या साबित करना चाहते है क्या हमारे प्रभु और हमारा ग्रंथ रामायण तुम्हारे मनोरंजन के लिए हैं ! इस फ़िल्म पर बेन लगना चाहिए और प्रभु का अपमान करने के अपराध में माफ़ी मँगवानी चाहिए पूरे सनातन धर्म से जिस्म दिखा कर पैसा कमानों वाले हमारी संस्कृति व सभ्यता को कभी नहीं समझ पाएंगे इसलिए मैं सभी देशवासियों से अपील करना चाहता हूं कि इन फिल्मों से हमारे भारत की संस्कृति बिगड़ रही है व अर्धनग्न फ़िल्मो से ही हमारी आने वाली पीढ़ी संस्कारों से दूर जा रही है अतः हमारा ये कर्तव्य है कि हम सभी इस विवादित फिल्मों को बैन करने की मांग करें।