प्राथमिक शिक्षा की बदहाली का सवाल —ज्ञानेन्द्र रावत

प्राथमिक शिक्षा की बदहाली का सवाल —ज्ञानेन्द्र रावत
देश में प्राथमिक शिक्षा की बदहाली को लेकर बरसों से आवाज उठायी जा रही है। आजतक बने आयोगों ने इस बाबत सोचना तो दूर, संज्ञान लेना भी मुनासिब नहीं समझा। यह हमारे देश के भाग्य विधाताओं, नीति-नियंताओं के मानसिक दिवालिएपन का जीता जागता सबूत है। इसके कारण ही राज्यों के शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई पाठ्यक्रम के छात्रों में उपजी विसंगति के चलते शिक्षण स्तर में भेदभाव का दुष्परिणाम देश के सुदूर ग्रामीण अंचल और गरीब परिवारों की प्रतिभाओं को उठाना पड़ रहा है। नतीजा यह है कि वह हर क्षेत्र में पिछड़ रही हैं। धर्म समाज कालेज, अलीगढ़ के पूर्व विभागाध्यक्ष व बी आर अम्बेडकर विश्व विद्यालय (पूर्व आगरा विश्व विद्यालय) के शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रख्यात शिक्षाविद डा. रक्षपाल सिंह चौहान ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में इन्हीं सवालों को उजागर किया है और शिक्षा की विसंगतियों को दूर करने का अनुरोध किया है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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