
पत्नी की वल्दियत बदल पट्टा कर दिया, खारिज
एटा, । प्रधान ने नियम विरुद्ध पत्नी और अन्य परिजनों के नाम से 106 बीघा जमीन का पट्टा कर डाला। हद तो यह हो गई कि पट्टा देने को प्रधान ने पत्नी के पिता का नाम ही बदल दिया। शिकायत के बाद हुई सुनवाई में एडीएम ने सभी पट्टों को खारिज कर जमीन को ग्राम सभा में दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
तहसील सदर क्षेत्र के गांव मुखरना में वर्ष 1999 में पट्टे किए गए। इस समय गांव के प्रधान सत्येंद्र सिंह थे। आरोप है कि इन्होंने पत्नी बृजेश कुमारी के पिता नाम बदलकर पट्टा कर दिया। जबकि प्रधान के परिवार पर पहले से ही 115 बीघा जमीन है। इतनी जमीन होने से यह पट्टा नहीं किया जा सकता है। परिवार के ही अलग-अलग लोगों के नाम पर मुखरना के अलावा नेहचलपुर अरथरा गांव में करीब 106 बीघा जमीन का पट्टा किया गया। कुछ लोगों का पता भी बदल दिया गया। शिकायत के बाद वाद दायर कर दिया गया। तहसील से इस मामले की रिपोर्ट मंगाई गई।जो न्यायालय को भेजी गई। छल कपट कर जमीन का पट्टा करने की बात कहीं गई। एडीएम वित्त एवं राजस्व आयुष चौधरी ने दोनों पक्षों को सुना। सुनवाई के बाद दिए आदेश में कहा है कि प्रधान ने पद का दुरुपयोग किया है। जो जमीन भूमि हीन को दी जानी चाहिए वह अपनी परिवार के लोगों को दे दी गई। पट्टा आंवटन पत्रावली को निरस्त कर दिया। तहसीलदार एटा को निर्देश जारी किए है कि पट्टा खारिज होने के बाद जमीन को गांव सभा में दर्ज कराएं। जमीन से बेदखल भी कराया जाए। इस कार्रवाई से अन्य माफिया में हड़कंप है।
पट्टा प्रक्रिया में शामिल कर्मी पर होगी कार्रवाई
एडीएम ने जारी किए आदेश में कहा है कि पट्टा आवंटन के समय जो भी कर्मचारी और अधिकारी रहे हो उन्हें भी चिह्नित किया जाए। तहसीलदार एटा को आदेश दिए हैं कि उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।