चर्चित युवा नेता राजू आर्य बने राष्ट्रीय दलित पिछड़ा वर्ग के युवा प्रदेश अध्यक्ष

चर्चित युवा नेता राजू आर्य बने राष्ट्रीय दलित पिछड़ा वर्ग के युवा प्रदेश अध्यक्ष
संगठन के दायित्ववों को बखूबी निभाऊंगा: राजू आर्य
बोले दलित, पिछड़ों की बनूंगा आवाज, नहीं होने दूंगा उत्पीड़न
संगठन की जिम्मेदारी निभाना होगी पहली प्राथमिकता
एटा। समाजसेवी एवं चर्चित युवा नेता रंजीत कुमार उर्फ राजू आर्य को राष्ट्रीय दलित पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सिरसवाल ने युवा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। श्री आर्य वर्तमान में भारतीय गौ रक्षा वाहिनी के अध्यक्ष, क्षेत्रीय बृजक्षेत्र के अलावा कई संगठनांे के पदाधिकारी रहते हुए समाजसेवा को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
श्री आर्य द्वारा समाज के लिए किए जा रहे सराहनीय योगदान को देखते हुए राष्ट्रीय दलित पिछड़ा वर्ग ने प्रदेश स्तर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उनको सौंपी है। संगठन द्वारा प्रदेश स्तर की जिम्मेदारी मिलने के बाद श्री आर्य ने मीडियाकर्मियों से कहा कि अपनी इस नई नियुक्ति के लिए राजू आर्य ने संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वह संगठन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि जो जिम्मेदारी मुझे दी गई है मैं बखूबी दिन रात एक करके इस जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाऊंगा व संगठन का नाम ऊंचा करूंगा।
उनके जीवन का मकसद केवल समाजसेवा करना है और इस जिम्मेदारी को पूर्ण रूप से निभाएंगे। साथ ही जिस मकसद से संगठन ने उन्हें दलित पिछड़े समाज की सेवा करने के लिए जो जिम्मेदारी दी है, उस जिम्मेदारी को निभाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
आज दलित-पिछड़ों को जो कमजोर समझकर उनका शोषण करते हैं, ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए कार्य करेंगे और कहीं भी किसी भी तरह का शोषण किया जा रहा है, उसकी जानकारी मिलेगी तो पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहेंगे।
यहां बताते दें कि राजू आर्य वर्तमान में मारहरा ब्लाक पंचायत क्षेत्र से सदस्य हैं और पूर्व में ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला चुके हैं, राजू आर्य का क्षेत्र में बढ़ता वर्चस्व देखकर उनके विरोधी भी कई बार उन पर जानलेवा हमला करा चुके हैं। आर्य विश्व हिंदू परिषद के कट्टर हिंदूवादी नेता की छवि रखते हैं, उनके राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत विचार आए दिन समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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