साहब, ये हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं, मुट्ठी में होकर भी कहते हैं कि सब कुछ नसीब है। एक उम्मीद है जो किसी से संतुष्ट ही नहीं होती और एक संतुष्टि है जो कभी किसी से उम्मीद ही नहीं करती। जबकि शिक्षा और संस्कार जिंदगी जीने के मूल मंत्र है, शिक्षा कभी झुकने नहीं देगी और संस्कार कभी गिरने नहीं देते। इसलिए झूठ और दिखावे की रफ्तार कितनी भी तेज़ हो मगर मंजिल तक केवल सच ही पहुंचता है।

ईमानदारी, बफ़ादारी, कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय, निरन्तर प्रयास, सदा शांत रहना जीवन की सफलता का राज हैं। एक-दूसरे के सहयोगी रहे। खुद की खुशी के लिए औरों के जीवन मे खुशियां लाने के लिए विचारों से स्वतंत्र रहे लेकिन बुजुर्गों द्वारा दिये अच्छे संस्कारों से बंधे रहे क्युकी कठिन से कठिन परिस्थिथिति में भी संस्कार आपको कभी गिरने नहीं देंगे इसीलिए अच्छे संस्कार जिंदगी जीने के मूल मंत्र है।
इसी विचार के साथ आपका दिन मंगलमय हो। सभी सुखी रहेँ। स्वस्थ रहेँ। गतिमान व ऊर्जावान रहे।
✍️🙏✍️